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बिहार चुनाव से पहले EC का बड़ा ऐलान, आचार संहिता के दायरे में इंटरनेट भी, पार्टियों को जारी किए निर्देश

Bihar Chunav 2025: बिहार में विधानसभा चुनाव में कुछ दिन ही शेष हैं। राजनीतिक पार्टियों के उत्साह के बीच चुनाव आयोग भी सख्ती पर ध्यान दे रहा है। चुनाव आयोग ने आचार संहिता में अब इंटरनेट को भी शामिल कर लिया है। पढ़िए पूरी रिपोर्ट।

Author Written By: Raghav Tiwari Author Published By : Raghav Tiwari Updated: Oct 9, 2025 11:20
बिहार चुनाव में इलेक्शन कमीशन सोशल मीडिया पर भी रखेगा सख्ती।

Bihar Election 2025: बिहार चुनावों का ऐलान हो गया है। इसके बाद राजनीतिक पार्टियां चुनावी प्रचार-प्रसार में तेजी से जुट गई हैं। राजनीतिक दल एक दूसरे को नीचा दिखाने के लिए एआई, सोशल मीडिया जैसे प्लेटफॉर्म का सहारा लेने लगे हैं। चुनाव शुरू होने से पहले ही चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों को साफ निर्देश जारी कर दिए हैं। आयोग ने साफ किया कि चुनावी प्रक्रिया की अखंडता को बनाए रखने की आवश्यकता है। आयोग ने 9 अक्टूबर को 7 बिंदुओं का एक पत्र जारी किया है।

आयोग ने कहा कि इस बार आचार संहिता के दायरे में सोशल मीडिया समेत इंटरनेट भी शामिल रहेगा। अभी तक आचार संहिता के नियमों को केवल जमीनी स्तर फॉलो कराया जाता था। आयोग ने कहा कि आदर्श आचार संहिता दिशानिर्देशों का पालन कराने के लिए व्यापक व्यवस्था है। इन दिशानिर्देशों के किसी भी उल्लंघन से सख्ती से निपटा जाएगा। इस बार आयोग चुनावी माहौल को खराब न होने देने के लिए सोशल मीडिया पोस्ट पर कड़ी नजर रखेगा।

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सभी चुनावों में होगा लागू

चुनाव आयोग ने बताया कि बिहार विधान सभा के आम चुनाव और 8 विधानसभा क्षेत्रों के उपचुनावों की घोषणा के साथ ही आदर्श आचार संहिता (एमसीसी) लागू हो गई है। कहा कि ये प्रावधान उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों द्वारा सोशल मीडिया सहित इंटरनेट पर पोस्ट की जा रही सामग्री पर भी लागू होंगे। बिहार आम चुनाव और साथ में होने वाले अलग अलग राज्यों के विधानसभा उपचुनाव में भी यह नियम लागू होगा।

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आलोचन से पहले रखें यह ध्यान

आयोग ने बताया कि आदर्श आचार संहिता के नियम के अनुसार अन्य दलों की आलोचना उनकी नीतियों और कार्यक्रमों, पिछले रिकॉर्ड और कार्य तक ही सीमित रहेंगी। दलों और उम्मीदवारों को अन्य दलों के नेताओं या कार्यकर्ताओं के निजी जीवन के उन सभी पहलुओं की आलोचना करने से बचना चाहिए जो सार्वजनिक गतिविधियों से संबंधित न हों। इसके उल्लघंन पर आयोग ने चेतावनी की कार्रवाई दी है। आयोग ने साफ किया है कि बिना सिद्ध हुए आरोपों या विकृति के आधार पर अन्य दलों या उनके कार्यकर्ताओं की आलोचना से बचा जाएगा।

AI वीडियो पर सख्ती

हाल ही में कांग्रेस ने पीएम मोदी और बीजेपी के खिलाफ कई एआई वीडियो जारी किए। यह मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा था। इसको ध्यान में रखते हुए चुनाव आयोग ने साफ किया है कि राजनीतिक दलों को एआई का दुरुपयोग नहीं करना होगा। सभी राजनीतिक दल और उनके नेता, उम्मीदवार और स्टार प्रचारक अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से या विज्ञापनों में होने वाली एआई वीडियो पर ‘एआई निर्मित वीडियो’ लेबल को साफ तौर पर लिखेंगे।

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First published on: Oct 09, 2025 10:53 AM

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