अमिताभ कुमार ओझा, पटना
Bihar News : बिहार के डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी की माता स्व. पार्वती देवी की जयंती को राजकीय सम्मान के साथ मनाए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। स्व. पार्वती देवी की 15 मार्च को जयंती थी। इसको लेकर सामान्य प्रशासन विभाग की तरफ से 12 मार्च को अधिसूचना जारी की गई थी, लेकिन आरजेडी ने इस अधिसूचना पर अपनी नाराजगी जताई है। आरजेडी ने कहा कि सीएम नीतीश कुमार परिवारवाद की नई परिभाषा स्थापित कर रहे हैं।
सामान्य प्रशासन विभाग की अधिसूचना के अनुसार, स्व. पार्वती देवी ने पूर्व विधानसभा सदस्य के सामाजिक एवं विकास कार्यों में महत्वपूर्ण योगदान दिया था। राज्य सरकार ने इसे देखते हुए यह निर्णय लिया कि हर साल 15 मार्च को उनकी जयंती मुंगेर के तारापुर में राजकीय सम्मान के साथ मनाई जाएगी। स्व. पार्वती देवी के पति शकुनी चौधरी सांसद के अलावा बिहार सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। इस पर 15 मार्च को पार्वती देवी की जयंती राजकीय समारोह के साथ मनाई गई, जिसमें उनके बेटे और डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी भी परिवार के साथ शामिल हुए।
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मां मेरी स्मृतियों में सदैव जीवित रहेंगी : सम्राट चौधरी
सम्राट चौधरी ने अपने सोशल मीडिया पर इस जयंती समारोह की तस्वीरें पोस्ट करते हुए लिखा कि मां को नमन। आज पूज्य माताजी की जयंती पर तारापुर में आयोजित प्रथम राजकीय समारोह में सम्मिलित होकर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। मां मेरी स्मृतियों में सदैव जीवित रहेंगी।
आरजेडी ने जताई आपत्ति
आरजेडी ने पार्वती देवी की जयंती को राजकीय समारोह घोषित करने पर कड़ी आपत्ति जताई। राजद ने राज्य सरकार के आदेश की प्रति के साथ अपने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि परिवारवाद की नई परिभाषा स्थापित करते नीतीश कुमार। उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने अपनी मां और पूर्व विधायक पार्वती देवी की जयंती पर सरकारी खर्चे से राजकीय समारोह मनाने की जबरन अनुमति दिलवाई है। उपमुख्यमंत्री के पिता शकुनी चौधरी भी पूर्व में मंत्री, विधायक और सांसद रह चुके हैं। इनके भाई जदयू में हैं।
अनैतिक कुमार का दोहरा चरित्र : राजद
उन्होंने आगे कहा कि CM नीतीश कुमार के अधीन विभाग सामान्य प्रशासन को सभी पूर्व विधायकों को यह सम्मान देना चाहिए, क्योंकि विकास व सामाजिक कार्यों में तो सभी जनप्रतिनिधियों का योगदान रहता है। अनैतिक कुमार का दोहरा चरित्र देखिए। इसी CM ने पटना में अपने राजनीतिक गुरु जॉर्ज फर्नांडिस और शरद यादव की मूर्ति नहीं लगने दी। इन महापुरुषों की जयंती और पुण्यतिथि पर कुर्सी कुमार कभी राजकीय समारोह नहीं करवाएंगे। नीतीश कुमार जैसा संकीर्ण और ईर्ष्यालु सोच का कोई राजनेता पैदा नहीं हुआ।
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