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बिहार

डबल इंजन की सरकार में बदली बिहार की तस्वीर, केंद्र सरकार के विशेष पैकेज ने विकास को दी रफ्तार

Bihar News: केंद्र सरकार के विशेष पैकेज से बिहार की तस्वीर बदल रही है। बिहार के सरकार के प्रयासों से कौशल विकास से लेकर कृषि, मत्स्य पालन और भंडारण क्षमता के विकास तक की कई योजनाएं सफल रही है। बताया जा रहा है कि बिहार अब तेजी से हर क्षेत्र में विकास कर रहा है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Md Junaid Akhtar Updated: Jun 11, 2025 19:54
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केंद्र सरकार के विशेष पैकेज से बदली बिहार की तस्वीर

Bihar News: केंद्र सरकार की तरफ से घोषित किए गये विशेष पैकेज के बाद बिहार के विकास को नई रफ्तार मिली है। डबल इंजन की सरकार के प्रयासों से कौशल विकास से लेकर कृषि, मत्स्य पालन और भंडारण क्षमता के विकास तक की कई योजनाएं सफलतापूर्वक पूरी हो चुकी हैं, जबकि कुछ पूरा होने की कगार पर हैं।

6.33 लाख युवाओं पर खर्चे किए 508.40 करोड़ रुपये

प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) के तहत राज्य में 1 लाख युवाओं के प्रशिक्षण के लक्ष्य के मुकाबले 6.33 लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षण दिया गया, जिस पर 508.40 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वहीं, 31 मार्च 2023 तक पीएमकेवीवाई के तहत पावर सेक्टर में 11 हजार 894 उम्मीदवारों को प्रशिक्षण दिया गया, जिस पर 14.75 करोड़ रुपये खर्च हुए। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने पूसा को 28 मई 2016 को केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय का दर्जा दिया। साथ ही मोतिहारी में एकीकृत खेती प्रणाली पर राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र की स्थापना की गई, जिस पर 62.25 करोड़ रुपये की लागत आयी।

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मत्स्य पालन क्षेत्र में ‘ब्लू रेवोल्यूशन’ का असर

पीएम मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत तालाब, बीज पालन केंद्र और मछुआरों के घर बनाए गए, जिन पर कुल 31.96 करोड़ रुपये खर्च हुए। वहीं, बिहार में मत्स्य क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 5.13 करोड़ रुपये की लागत से रोग निदान, परीक्षण प्रयोगशाला और खुदरा मछली बाजार जैसी परियोजनाएं पूरी होने वाली हैं। इन परियोजनाओं से मछली उत्पादन और किसानों की आय बढ़ेगी। जल प्रबंधन के तहत 32 हजार 577 हेक्टेयर क्षेत्र में सूक्ष्म सिंचाई की व्यवस्था की गई है, जिसकी लागत 165.96 करोड़ रुपये है। कृषि यंत्रीकरण के लिए 117.67 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई। हालांकि, बीज परियोजना की 16.7 करोड़ रुपये की राशि बिहार सरकार को वापस करनी पड़ी।

भंडारण और साइलो निर्माण में भी प्रगति

खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण विभाग के तहत 25 स्थानों पर 2.84 लाख मीट्रिक टन क्षमता के गोदाम बनाए गए, जिस पर 247.64 करोड़ रुपये खर्च हुए। वहीं, बिहार के दरभंगा, समस्तीपुर और कटिहार जिले में कुल 1.50 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले साइलो का भी निर्माण किया गया है। इस परियोजनाओं पर 135 करोड़ रुपये की लागत आयी है। वहीं, बिहार के 16 स्थानों पर कुल 7.25 लाख मीट्रिक टन क्षमता वाले साइलो का निर्माण हो रहा है। इसकी अनुमानित लागत 652.5 करोड़ रुपये है।

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बिहार के 8 जिलों गोदामों का निर्माण जारी

पीईजी योजना के तहत बिहार के सीतामढ़ी, शेखपुरा, आरा, गोपालगंज, सहरसा, नालंदा, हाजीपुर और समस्तीपुर में कुल 1.20 लाख मीट्रिक टन क्षमता के 8 गोदामों का निर्माण कार्य जारी है। इसकी अनुमानित लागत 104.7 करोड़ रुपये है।

First published on: Jun 11, 2025 07:54 PM

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