Potato Shortage In Bihar(अब्दुल करीम): इन दिनों आलू को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। आलू की कीमतें सातवें आसमान पर है, इससे गरीबों पर सीधा असर हो रहा है। आपको बता दें, बंगाल सरकार के तुगलकी फरमान की वजह से बिहार बंगाल सीमा से सटे किशनगंज में आलू प्याज व्यापारियों को भारी परेशानी हो रही है।
सरकार ने बंगाल से आलू और प्याज बिहार ले जाने पर रोक लगा दी है। बिहार बंगाल सीमा के रामपुर चेकपोस्ट पर पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है ताकि बंगाल से बिहार आलू नहीं ले जाया जा सके। जिसकी वजह से किशनगंज में व्यापारियों में हड़कंप मच गया है।
आलू की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी की संभावना जताई जा रही है। गरीबों की जेब पर इसका सीधा असर पड़ रहा है। इसकी वजह पश्चिम बंगाल सरकार के आदेश पर आलू लदे गाड़ियों को बॉर्डर पार करने नहीं दिया जा रहा है। आलू की सप्लाई पर रोक लगा दी गई है।
गौरतलब हो कि किशनगंज सीमा से सटे बंगाल के रामपुर में आलू प्याज की मंडी है, जहां से किशनगंज जिले में आलू प्याज की आपूर्ति होती है। 90 के दशक में बिहार बंगाल सीमा पर आलू व्यापारियों ने दुकान खोली थी और तब से व्यवसाई यहीं से कारोबार कर रहे हैं। इस फरमान के बाद व्यवसायी काफी परेशान हैं। आलू मंडी में दर्जनों गाड़ियां लोड होकर खड़ी हैं जिन्हें जिले के अलग अलग हिस्सों में जाना है, लेकिन इन्हें बॉर्डर पार करने नहीं दिया जा रहा है।
पुलिस प्रशासन ने लगाया बैरिकेड
आलू व्यापारी संतोष ने बताया कि पुलिस प्रशासन के द्वारा बुधवार सुबह से ही बैरिकेड लगा दिया गया है और गाड़ियों को वापस भेजा जा रहा है। व्यवसायी ने बताया कि अगर यह कंडीशन रही तो आलू प्याज के लिए किशनगंज में हाहाकार मचेगा। वहीं, दूर दराज से पहुंचे खरीदार भी परेशान हैं। ग्राहकों ने बताया कि अगर आलू प्याज नहीं जाने दिया जाएगा तो दाम में जाहिर सी बात है बढ़ोतरी होगी।
गरीबों का हो रहा नुकसान
पश्चिम बंगाल में आलू की रोक लगने से गरीबों को सबसे ज्यादा नुकसान हो रहा है। क्योंकि आलू हर सब्जी के साथ इस्तेमाल होता है। इसलिए इसे खरीदना मजबूरी है, लेकिन कीमतें इतनी बढ़ रही हैं कि गरीबों के लिए इसे खरीद पाना मुश्किल हो गया है।
ऐसे में जरूरत है बिहार सरकार को तुरंत इस मामले पर संज्ञान लें, ताकि ग्राहकों और दुकानदारों की परेशानी को कम किया जा सके। वहीं, इस संबंध में जब चाकुलिया थाना के पुलिस अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने कुछ भी कहने से मना कर दिया।
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