पाक के खिलाफ किए गए हवाई अभियानों का नेतृत्व एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती ने किया। बिहार के पूर्णिया के लाल एयर मार्शल डीजीएओ (DGAO) एके भारती यानी अवधेश कुमार भारती ने बीते 22 अप्रैल को हुए पहलगाम में आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर चला कर आतंकियों को नाकों चने चबवा दिए। इस ऑपरेशन सिंदूर में एयर फोर्स की तरफ से नेतृत्व करने वाले अवधेश कुमार भारती बिहार के पूर्णिया के एक छोटे से गांव झुन्नी कला के निवासी हैं।
दरअसल, कल भारतीय सेना की तरफ से ऑपरेशन सिंदूर का पीसी कर एयर मार्शल डीजीएओ एके भारती ने पूरे अभियान की सफलता की जानकारी दी। पूर्णिया के साथ-साथ झुन्नी कला और पूरे बिहार के लोग गौरवान्वित हो गए।
#WATCH | Kiran, sister-in-law of Air Marshal AK Bharti says, “…We are overjoyed…We can’t express it in words. It is a matter of pride, not just for us but for entire Bihar and the country as well…” https://t.co/fqU0P22rnc pic.twitter.com/Qx66HbnbvA
— ANI (@ANI) May 14, 2025
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देश के लिए गर्व की बात
एयर मार्शल एके भारती की भाभी किरण ने कहा, “हम बहुत खुश हैं…हम इसे शब्दों में बयां नहीं कर सकते। यह न सिर्फ हमारे लिए बल्कि पूरे बिहार और देश के लिए गर्व की बात है।” उन्होंने अपने परिवार की इस उपलब्धि पर खुशी जताई और कहा कि यह पूरे देश के लिए सम्मान की बात है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि परिवार के जो लोग बात नहीं करते थे, वो भी आज फोन करके बधाई दे रहे हैं।
डेढ़ साल से घर नहीं आए
बता दें, एके भारती के माता-पिता बिहार के पूर्णिया केके हाट थाना क्षेत्र के श्रीनगर हाता में रहते हैं। एके भारती 4 भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। एके भारती की मां ने कहा कि देश से ऐसा प्यार है कि सालभर से बेटा घर नहीं आया, मगर अब उसके घर आने का इंतजार है।
एके भारती के भाई क्या बोले
वहीं एयर मार्शल एके भारती के भाई मिथिलेश कुमार ने कहा कि जब उन्होंने टीवी पर भैया को पीसी करते देखा तो गर्व से उनका सीना चौड़ा हो गया। सिर्फ यही नहीं, बल्कि पूरे देश को उन पर अभिमान है। उन्होंने कहा कि वे लोग चाहते हैं कि भैया एयर चीफ मार्शल पद तक जाएं।
कैसे हासिल की मंजिल?
एके भारती के पिता ने बताया कि भारती की पढ़ाई परोरा मिडिल स्कूल से शुरू हुई। उसके बाद सैनिक स्कूल तिलैया से पढ़ाई की। फिर 1987 में सेना में पायलट अफसर के पद पर चुने गए। उसके बाद लगातार वे आगे बढ़ते रहे। उन्हें कई मेडल और अवार्ड भी मिल चुके हैं। अपने पराक्रम से वे अब तक कई ऑपरेशन को अंजाम दे चुके हैं। उन लोगों को अपने बेटे पर काफी गर्व है।
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