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बिहार

‘बिहार में SIR का पूरा खेल BJP के इशारे पर’, जयराम रमेश ने चुनाव आयोग पर उठाए सवाल

Bihar Chunav 2025: बिहार में मतदाता सूची का बवाल एक बार फिर चर्चा का विषय बन गया है. कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने चुनाव आयोग द्वारा अंतिम मतदाता सूची को लेकर भी EC और बीजेपी की मिलीभगत करार दे दिया है. उनका मानना है कि यह प्रक्रिया बीजेपी को लाभ पहुंचाने के लिए की गई थी

Author Written By: Namrata Mohanty Author Published By : Namrata Mohanty Updated: Oct 4, 2025 15:14
bihar chunav 2025

Bihar Chunav 2025: बिहार में मतदाता सूची सुधार (SIR) प्रक्रिया को लेकर फिर विवाद खड़ा हो रहा है. विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि पूरी प्रक्रिया भाजपा और उसके सहयोगी दलों को लाभ पहुंचाने के लिए रची गई है. कांग्रेस के जयराम रमेश का कहना है कि अंतिम एसआईआर में भी भारी गड़बड़ियां सामने आई हैं, जिससे साफ होता है कि आयोग ने न सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अनदेखी की है बल्कि निष्पक्ष चुनाव की मूल भावना को भी ठेस पहुंचाई है.

चुनाव आयोग से जयराम रमेश ने किया सवाल?

जयराम रमेश ने कहा कि क्या मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इसका जवाब देंगे कि एक घर में 247 मतदाता कैसे पाए गए और एक व्यक्ति का नाम एक ही बूथ पर 3-3 जगह क्यों है? अंतिम वोटर लिस्ट में इतनी बड़ी गड़बड़ियां कैसे सामने आ रही हैं? या वे पहले की तरह ही चुप्पी साधे रहेंगे? वह कहते हैं कि चिंताजनक बात यह है कि कुछ विधानसभा क्षेत्रों में मतदाताओं के नाम कटने की संख्या पिछले चुनावों में जीत के अंतर से अधिक है.

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सत्ताधारी दल की कठपुतली न बने चुनाव आयोग

हमने पहले दिन से कहा है कि भारत का चुनाव आयोग पूरे देश का है और उसे सत्ताधारी दल की कठपुतली की तरह नहीं दिखना चाहिए. वर्तमान चुनाव आयोग की लचर कार्यप्रणाली और राजनीतिक झुकाव वाली नीतियों से भारत के लोकतंत्र और हमारी अंतरराष्ट्रीय छवि पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. हम एक बार फिर दोहरा रहे हैं कि चुनाव आयोग को जल्दबाजी में बीजेपी को मदद करने के लिए शुरू की गई एसआईआर प्रक्रिया को पूरा करने की बजाय निष्पक्ष रूप से काम करना चाहिए.

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आगे क्या होगा?

जयराम रमेश के बयान के बाद अब सवाल यह है कि क्या मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार इन गड़बड़ियों पर कोई ठोस जवाब देंगे या फिर आयोग पहले की तरह ही चुप्पी साधे रहेगा. लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है कि चुनाव आयोग अपनी विश्वसनीयता बचाए और निष्पक्ष संस्था की तरह काम करे, न कि किसी राजनीतिक दल की कठपुतली के तौर पर काम करें.

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First published on: Oct 04, 2025 03:14 PM

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