औरंगाबाद से गणेश प्रसाद की रिपोर्ट: औरंगाबाद में लंबे अंतराल के बाद प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने पोस्टरबाजी की है। जिससे औरंगाबाद की राजनीति में भूचाल आ गया है। दरअसल, पोस्टर के माध्यम से माओवादियों ने औरंगाबाद के बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह और गोह के पूर्व विधायक जेडीयू के वरीय नेता डॉ. रणविजय कुमार को सीधी धमकी दी है।
सांसद को क्षेत्र में नहर नही लाने पर धमकी दी
नक्सलियों ने पूर्व विधायक की हत्या करने का ऐलान किया है जबकि सांसद को क्षेत्र में नहर नही लाने पर विरोध की धमकी दी है। पोस्टर में पूर्व विधायक और उनके पार्टी (जदयू) कार्यालय को उड़ाने की भी धमकी दी गयी है। यह पोस्टरबाजी औरंगाबाद के गोह और बंदेया थाना क्षेत्र के कई गांवों में की गई है। गोह थाना के पेमा व डिहुरी तथा बंदेया थाना के महरी एवं जैतिया गांव के ग्रामीणों ने पोस्टर देखे जाने की पुष्टि की है। पोस्टरबाजी से पुलिस महकमे में सनसनी फैल गई है। पुलिस ने पोस्टरबाजी की पुष्टि की है।
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अपनी विकास विरोधी छवि के उलट विकास का समर्थक होने की छवि पेश की
पोस्टर के माध्यम से नक्सलियों ने अपनी विकास विरोधी छवि के उलट विकास का समर्थक होने की छवि भी पेश की है। साथ ही सांसद को सम्मानजनक तरीके से संबोधित किया है। पोस्टर हस्तलिखित है, जो काले और ब्लू कलर में बॉल प्वाइंट पेन से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के लेटरपैड पर लिखा गया है। पोस्टर में लेटर नंबर दिया गया है। लेटर का पत्रांक 1883, तारीख 05 फरवरी 2023 और स्थान चाल्हो जोन लिखा है।
पुलिस को नही मिले पोस्टर
इस बारें में पूछे जाने पर गोह थानाध्यक्ष कमलेश पासवान ने पोस्टरबाजी की पुष्टि करते हुए कहा कि पूर्व विधायक तथा पेमा एवं डिहुरी गांव के लोगों से पोस्टरबाजी की सूचना मिली लेकिन पुलिस के मौके पर पहुंचने के पहले ही वहां से पोस्टर उखाड़ लिया गया था। उन्हे पोस्टर हाथ नहीं लगा है। वहीं, बंदेया के प्रभारी थानाध्यक्ष अरविंद सिंह ने भी पोस्टर चिपकाने की पुष्टि की लेकिन कहा कि घटनास्थल पर जब पुलिस पहुंची तो वहां पोस्टर नही था। सिर्फ निशान थे, जिससे लग रहा था कि यहां कोई पोस्टर चिपकाया गया था, जिसे उखाड़ दिया गया है।
पूर्व विधायक ने कहा चुनौती कबुल, 42 साल से लड़ रहा हूं
पूर्व विधायक डॉ. रणविजय कुमार ने कहा कि नक्सली मृतप्राय हो चुके है। सरकार के विकास, सीआरपीएफ और कोबरा के प्रहार से इनकी कहानी खत्म हो चुकी है। इनकी साख समाप्त हो चुकी है। ये जनता में पुनः साख स्थापित करने के लिए इस तरह की हरकत करते है लेकिन इनकी साख अब स्थापित नही होने वाली है। ये माओत्से के सिद्धांत से भटक गये है। माओत्से ने कही भी रंगदारी, लूट अवैध वसूली करने की बात नही की है। रही बात इनकी धमकी की, तो इन गुंडों को मैं जवाब देना जानता हूं। 42 साल से इनसे लड़ाई लड़ रहा हूं। इनकी चुनौती कबुल है, जैसे पहले लड़ा हूं, वैसे फिर लडूंगा।
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