बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर भाजपा लगातार सक्रिय है. दिल्ली में चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी के साथ बैठकें जारी हैं, जिनमें सीटों के बंटवारे पर चर्चा हो रही है. सूत्रों के अनुसार, चिराग पासवान भाजपा और जदयू से 45 से 54 सीटों की मांग कर रहे हैं. हालांकि, चिराग के करीबी लोगों ने ये साफ किया है कि उनकी नजर सिर्फ अधिक से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ने पर है न कि राज्यसभा या विधान परिषद की सीटों पर.
सीट शेयरिंग पर है विवाद
राजनीतिक हलकों में यह चर्चा भी है कि चिराग की नाराजगी गठबंधन के लिए नुकसानदेह हो सकती है इसलिए भाजपा और उनके साथ लगातार संवाद बनाए रखने की कोशिश कर रहे हैं. बावजूद इसके, दोनों पार्टियां अपनी-अपनी सीटों पर अडिग हैं, और चिराग की मांगों ने गठबंधन में असमंजस की स्थिति पैदा कर दी है.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी में तरफ चिराग की पार्टी को लगभग 25 से 28 सीटें मिलने की संभावना है, जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा को 8 और राष्ट्रीय लोक समता पार्टी को 8 सीटें मिल सकती हैं. कुल मिलाकर गठबंधन के सीट शेयरिंग फाइनल करने की कवायद तेज हो गई है.
सूत्रों का कहना है कि कई सीटों पर लोकल लेवल पर जेडीयू और लोजपा के बीच टकराव देखने को मिल सकता है. चिराग पासवान खुद को दलित और युवा का नेता साबित करना चाहते हैं. बीजेपी ने उनके साथ हुई बैठकों में उनकी मांगों पर विचार करने और गठबंधन के भावनात्मक और चुनावी मुद्दों पर चर्चा करने का आश्वासन दिया है. कल रामविलास पासवान की पुण्यतिथि है और इसकी तैयारियों को लेकर भी बैठक में चर्चा हुई.
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बरहमपुर, गोविंदगंज और हिसुआ की सीट पर भी पेच है. बरहमपुर की सीट हुलास पांडेय के लिए और गोविंदगंज राजू तिवारी के लिए चाहते हैं, हिसुआ सीट भी धीरेंद्र कुमार मुन्ना के लिए चिराग चाहते हैं. सूत्रों के अनुसार चिराग पासवान को एनडीए में अधिकतम 25-26 सीटें मिलने की संभावना है. यह संख्या कम लग सकती है, लेकिन पिछले हालात और गठबंधन की जरूरतों को देखते हुए यह चिराग के लिए बड़ी राजनीतिक वापसी है.










