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बिहार

भीषण गर्मी में पशु-पक्षियों की जान बचाने में दें योगदान, पशुपालन निदेशालय ने आम लोगों से की अपील

Bihar Government News: गर्मियों में पशु-पक्षियों को पानी की भारी कमी का सामना करना पड़ता है। थोड़े से प्रयास और जागरूकता से हम इन मूक प्राणियों की जान बचा सकते हैं। बिहार के पशुपालन निदेशालय ने इस मामले को लेकर लोगों से अपील की है।

Author Written By: News24 हिंदी Author Edited By : Avinash Tiwari Updated: Jun 19, 2025 21:55
Bihar Government
प्रतीकात्मक फोटो (फोटो सोर्स- ANI)

Bihar Government News: देश का बड़ा हिस्सा भीषण गर्मी की चपेट में है। कई जगहों पर तो तापमान रिकॉर्ड तोड़ रहा है। इसी बीच बिहार के पशुपालन निदेशालय की तरफ से एक सकारात्मक पहल की गई और इसमें आम लोगों से भागीदारी मांगी गई है। आम लोगों की सी भागीदारी से बड़ी संख्या में गर्मी और प्यास से परेशान पक्षियों और पशुओं की जान बचाई जा सकती है और उन्हें राहत दी जा सकती है।

हरियाली में आ रही कमी, जलाशयों के सूखने और नदियों के जलस्तर में गिरावट के कारण पशु-पक्षियों के सामने पानी का संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में विशेषज्ञों का कहना है कि आम लोग भी थोड़ी सी जागरूकता और छोटे-छोटे प्रयासों से इन मूक जीवों की जान बचा सकते हैं।

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गर्मी में पानी को माना जाता है अमृत के समान

गर्मी को देखते हुए बिहार सरकार के पशुपालन निदेशालय ने पशु-पक्षियों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु जनता से सहयोग की अपील की है। इसके लिए एक विज्ञापन भी जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि पशु-पक्षियों के लिए पीने के पानी की व्यवस्था एक जरूरत है। गर्मी में पानी को अमृत के समान माना जाता है। मूक पशु-पक्षियों को, संचित एवं बहते जल स्रोतों की कमी के कारण, प्यास से तड़पना पड़ता है। गर्मी में पशु-पक्षियों की प्यास बुझाने के लिए हमें प्रयास करना चाहिए।

पशुपालन निदेशालय ने कहा है कि गर्मियों में कई परिंदों व पशुओं की मौत पानी की कमी के कारण हो जाती है। हमारा थोड़ा सा प्रयास घरों के आसपास उड़ने वाले परिंदों की प्यास बुझाकर उनकी जिंदगी बचा सकता है। पानी न मिले तो पक्षी बेहोश होकर गिर पड़ते हैं। पशु चिकित्सा विज्ञान के अनुसार, नमक और ऊर्जा पक्षियों के लिए जरूरी हैं। इसकी पूर्ति खनिज लवण युक्त पानी से ही हो सकती है।

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आम लोग कैसे कर सकते हैं मदद?

इस अपील में पशुपालन निदेशालय ने कहा है कि गर्मी में अपने घरों के बाहर, छतों पर, बालकनी में पानी के बर्तन भरकर रखें, जिससे मवेशी व परिंदे पानी देखकर आकर्षित हों। हो सके तो छतों पर पक्षियों के लिए छाया की व्यवस्था भी करें। उपयोग में लाए गए नारियल (डाभ) पक्षियों को पानी परोसने एवं आश्रय प्रदान करने के लिए उपयुक्त हो सकते हैं, जो कि बायो-वेस्ट प्रबंधन का एक उदाहरण भी है। पक्षियों के शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स की मात्रा संतुलित रहे, इसके लिए पानी में गुड़ की थोड़ी मात्रा मिलानी चाहिए। कम पानी वाले सार्वजनिक जल स्रोतों को गंदा न करें, इससे पशु-पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था बनी रह सकती है।a

First published on: Jun 19, 2025 09:55 PM

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