Glenn Maxwell Injury AUS vs AFG: ग्लेन मैक्सवेल ने मंगलवार को मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में विश्व कप 2023 के रोमांचक मुकाबले में शानदार मैच विनिंग डबल सेंचुरी ठोक डाली। अफगानिस्तान के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया के 292 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए मैक्सवेल ने ऐतिहासिक 201 रनों की पारी खेली। 7 विकेट गिरने के बाद मैक्सवेल ने अफगानिस्तान के गेंदबाजों की जमकर धुनाई की।
वह इस दौरान चोट से कराहते हुए भी नजर आए। 150 रन के करीब मैक्सवेल ऐंठन से जूझ रहे थे, उनके लिए एक जगह पर खड़ा होना भी मुश्किल हो रहा था। हालांकि उन्होंने इसके बावजूद क्रीज पर खड़े-खड़े शानदार बल्लेबाजी की। बीच में फिजियो ने भी उनकी देखभाल की। इसके बाद सवाल उठे कि आखिर चोट से जूझते मैक्सवेल को रनर क्यों नहीं मिला।
2011 में हटा दिया था रनर का विकल्प
दरअसल, ‘आईसीसी की कार्यकारी समिति ने 2011 में वनडे मैचों में घायल बल्लेबाजों के लिए रनर्स को हटाने का फैसला किया था क्योंकि आईसीसी खिलाड़ियों की फिटनेस महत्वपूर्ण मानता है। इसके बाद मैरीलेबोन क्रिकेट क्लब (MCC) ने कहा था- क्रिकेट के नियम नहीं बदले हैं, लेकिन यह सिर्फ इंटरनेशनल प्लेयर्स के लिए खेल की स्थितियों में बदलाव था, इसलिए रनर घरेलू और रीक्रिएशनल क्रिकेट में बने रहेंगे।
Injured 🤕 #Maxwell #Australia #AUSvsAFG #tuesdayvibe #DonBelle what a creat history by Maxwell 201* Runs pic.twitter.com/dZacs4iy2y
---विज्ञापन---— Hafiz Shahid (@Hafizshahidb) November 7, 2023
उस समय इस फैसले को आलोचना का सामना करना पड़ा था। पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर ने इस फैसले की कड़ी निंदा की थी। उन्होंने नाराजगी में कहा- ”मैं यह भी सुझाव देना चाहूंगा कि बाउंड्री छोर पर गेंदबाजों के लिए पानी नहीं होना चाहिए। वे एक ओवर फेंकते हैं और सीमा पर आ जाते हैं जहां एनर्जी ड्रिंक उनका इंतजार कर रहे होते हैं।”
Maxwell: I can't play anymore
Umpire: If you don't get up now, you will have to face Jadeja in semifinals
Maxwell: pic.twitter.com/B8ouDzPTw7
— MORE THAN YOU'LL EVER KNOW (@JagoIndia_) November 7, 2023
गावस्कर ने कहा कि अगर आईसीसी को लगता है कि घायल बल्लेबाजों के लिए रनर रखना उचित नहीं है तो उसे ड्रिंक्स ब्रेक और सब्स्टीट्यूट फील्डर की अवधारणा को खत्म करने पर भी विचार करना चाहिए। कोई ड्रिंक ब्रेक नहीं होना चाहिए जो आमतौर पर एक घंटे या उसके बाद निर्धारित होता है। अगर आप ऐसी स्थिति बनाने जा रहे हैं तो कोई सब्स्टीट्यूट फील्डर भी नहीं होना चाहिए।
ये भी पढ़ें: ‘ऐसा कभी नहीं देखा’, मैक्सवेल की ऐतिहासिक पारी पर कैफ-भज्जी का वीडियो वायरल
मैक्सवेल रिटायर्ड हर्ट होकर लौट सकते थे, लेकिन उन्होंने बल्लेबाजी करना जारी रखा। आखिरकार वह योद्धा की तरह मैदान में डटे रहे और टीम को जीत दिलाकर ही लौटे।