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53 से 50 किग्रा की कैटेगरी में क्यों आई थीं Vinesh Phogat? क्या हो गई बड़ी साजिश

Vinesh Phogat ने पेरिस ओलंपिक-2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए फाइनल तक का सफर तय किया था, लेकिन फाइनल मैच से पहले वह बढ़े हुए वजन के चलते अयोग्य घोषित कर दी गईं थीं। इसके बाद विनेश फोगाट पर लगातार सवाल खड़े किए जा रहे थे कि जब उनका सामान्य वजन 55-56 किग्रा है, तो वह 50 किग्रा में क्यों हिस्सा ले रहीं थीं। ऐसे में उनके खिलाफ साजिश रचने का भी आरोप लगाया जा रहा था। 

Edited By : Mashahid abbas | Updated: Aug 17, 2024 13:29
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Vinesh Phogat
Vinesh Phogat

Vinesh Phogat पेरिस से भारत वापस लौट चुकी हैं। एयरपोर्ट पर उनका भव्य स्वागत किया गया है। विनेश फोगाट पेरिस ओलंपिक-2024 में फाइनल तक पहुंचने के बाद भी मेडल मैच नहीं खेल पाईं थीं। उन्हें फाइनल मैच से पहले महज 100 ग्राम बढ़े हुए वजन के चलते अयोग्य घोषित कर दिया गया था। विनेश फोगाट 53 किग्रा भार वर्ग में पहले प्रतिभाग करतीं थीं। लेकिन इस ओलंपिक में वह 50 किग्रा की स्पर्धा में हिस्सा ले रहीं थीं। विनेश फोगाट के इस फैसले पर फैंस सवाल उठा रहे थे कि आखिर जब वह 53 किग्रा में खेल रहीं थीं तो वह 50 किग्रा के इवेंट में क्यों खेलने उतरीं थीं। आइए इस रिपोर्ट में जानते हैं उन्होंने ऐसा क्यों किया?

कब हुआ ओलंपिक का ट्रायल 

पटियाला में स्थित राष्ट्रीय खेल संस्थान में 12 मार्च 2024 को कुश्ती का ट्रायल हुआ था। विनेश फोगाट ने इस ट्रायल में 53 और 50 दोनों भार वर्ग के इवेंट में ट्रायल दिया था। विनेश फोगाट 50 किग्रा भार वर्ग के ट्रायल में जीत जाती हैं, जबकि 53 किग्रा की कैटेगरी में वो चौथे स्थान पर रहती हैं। चौथे स्थान पर रहने का मतलब ये नहीं है कि वो अब इस भार वर्ग में ओलंपिक का कोटा नहीं हासिल कर सकतीं थीं। नियमों के अनुसार टॉप-4 में रहने वाले पहलवानों के बीच मुकाबले होते हैं, जिसमें सबसे बेहतर प्रदर्शन करने वाले पहलवान को ओलंपिक का टिकट दिया जाता है। यानी, विनेश 53 किग्रा की कैटेगरी में ही आगे का ट्रायल दे सकतीं थीं। लेकिन नियमों की अस्पष्टता के कारण विनेश के सामने शायद असमंजस की स्थिति थी।

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ओलंपिक में जाने का क्या है नियम  

भारत की स्टार पहलवान अंतिम पंघाल ने 2023 के कुश्ती वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। उन्होंने ये मेडल 53 किग्रा भार वर्ग में ही जीता था। भारतीय कुश्ती महासंघ के नियमों के अनुसार ट्रायल में टॉप-4 पर रहने वाले पहलवानों को ओलंपिक का कोटा पाने वाले पहलवान से भिड़ना होता है। अंतिम पंघाल ने ओलंपिक कोटा के लिए क्वालीफाई तो किया था, लेकिन उनकी ओलंपिक में जगह पक्की नहीं थी। उन्हें ट्रायल में टॉप-4 पर रहने वाले पहलवानों से मैच खेलना पड़ता। ऐसे में जो पहलवान जीत जाता वो पेरिस ओलंपिक में हिस्सा लेने जाता। यानी अंतिम पंघाल और विनेश फोगाट को आपस में इस कैटेगरी में भिड़ना होता और जो भी जीत हासिल करता वो पेरिस ओलंपिक-2024 में इस कैटेगरी में भारत का प्रतिनिधित्व करता।

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क्या यहीं पर विनेश फोगाट के साथ हो गई साजिश 

टॉप-4 और अंतिम पंघाल के बीच मुकाबला होता इससे पहले ही भारतीय कुश्ती महासंघ ने एक बैठक की। इस बैठक में महासंघ के नए अध्यक्ष संजय सिंह ने फैसला किया कि पेरिस ओलंपिक-2024 के लिए कुश्ती में ट्रायल नहीं करवाए जाएंगे। भारतीय कुश्ती महासंघ के इस फैसले से अंतिम पंघाल को कोटा के कारण 53 किग्रा की कैटेगरी में सीधी एंट्री मिल गई थी। ऐसे में विनेश फोगाट के सामने दो ही विकल्प बचे हुए थे। या तो वो 50 किग्रा में हिस्सा लेतीं या फिर 57 किग्रा के इवेंट में प्रतिभाग करतीं। इस बीच विनेश फोगाट ने 50  किग्रा की कैटेगरी को चुना। क्योंकि वो ट्रायल न होने के कारण असमंजस में थीं। 57 किग्रा की कैटेगरी में टोक्यो ओलंपिक में सिल्वर पदक जीतने वाले रवि दहिया और सरिता मोर भी ओलंपिक का टिकट नहीं हासिल कर सकीं थीं। इस कैटेगरी में अमन सहरावत ने ओलंपिक का टिकट हासिल किया था और ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया था।

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Written By

Mashahid abbas

First published on: Aug 17, 2024 01:29 PM

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