Wide Ball Controversy RR vs GT: इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के मैच में एक बार फिर अंपायर के एक फैसले पर सवाल खड़े हो गए। राजस्थान रॉयल्स और गुजरात टाइटंस के बीच बुधवार को जयपुर में हुए मैच में वाइड के डिसीजन पर बवाल खड़ा हो गया। अंपायर के फैसले से जीटी के कप्तान शुभमन गिल भी काफी निराश नजर आए। आइए आपको बताते हैं कि पूरा विवाद क्या है और वाइड को लेकर क्या नियम हैं।
अंपायर से बहस करने लगे शुभमन गिल
17वें ओवर में मोहित शर्मा ने आखिरी गेंद डाली तो ये बल्लेबाज से दूर जाकर निकली। इसे ग्राउंड अंपायर ने वाइड दे दिया। इस पर जीटी ने रिव्यू लिया। थर्ड अंपायर ने पहले तो इसे वाइड करार नहीं दिया। फिर थोड़ी देर बाद फैसला बदलते हुए वाइड दे दिया। बस इसे लेकर शुभमन गिल भड़क गए। वह अंपायर से बहस भी करने लगे।
This was the reason of frustration.. first see it then say https://t.co/IAIpx1fgFZ
— khushi (@vc975625) April 10, 2024
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अंपायर के इस डिसीजन के बाद फैंस में भी कंफ्यूजन हो गया है। वे दो गुटों में बंटे नजर आ रहे हैं। जहां एक ओर कुछ फैंस का कहना है कि अंपायर का फैसला सही था, वहीं दूसरी ओर कुछ फैंस इसे जीटी के साथ चीटिंग बता रहे हैं। हालांकि ऐसा नहीं है।
क्या है वाइड बॉल का नियम?
क्रिकेट के नियम बनाने वाली संस्था MCC के 22.1.2 नियमानुसार, गेंद जब तक बल्लेबाज की पहुंच के भीतर इतनी न हो कि वह उसे सामान्य क्रिकेट स्ट्रोक से बल्ले से मार सके, तो इसे वाइड करार दिया जाएगा। वहीं 22.4.1 नियम के अनुसार, गेंद को सामान्य क्रिकेट स्ट्रोक के माध्यम से हिट करने के लिए बल्लेबाज यदि पर्याप्त रूप से इसे पहुंच के भीतर लाता है, तो इसे वाइड नहीं माना जाएगा। अंपायर ने मोहित शर्मा की इस बॉल को इसलिए वाइड दिया क्योंकि संजू सैमसन गेंद की पहुंच तक नहीं गए थे। यानी वे इसे खेल पाने की स्थिति में नहीं थे। वे इससे काफी दूर थे। ऐसे में इसे वाइड करार दे दिया गया।
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