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पेरिस में अब गोल्ड मेडल जीतकर लाएगा भारत, ओलंपिक के दर्द को दूर करने की होगी कोशिश

Paris Paralympics 2024: पेरिस ओलंपिक-2024 का सफर भारत के लिए निराशाजनक रहा। भारत ने इस टूर्नामेंट में 1 सिल्वर समेत कुल 6 मेडल ही जीते थे। जबकि उम्मीद की जा रही थी कि इस बार भारत 10 से अधिक पदक जीतेगा। इस टूर्नामेंट में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद अब भारत को पेरिस पैरालंपिक्स गेम्स से बड़ी उम्मीदें हैं, जहां भारत इस बार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकता है। 

Edited By : mashahid abbas | Updated: Aug 25, 2024 12:43
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Paris Paralympics 2024 India
Paris Paralympics 2024 India

Paris Paralympics 2024: पेरिस ओलंपिक-2024 का संस्करण भारत के लिए निराशाजनक रहा। भारत ने इस टूर्नामेंट में 1 सिल्वर सहित कुल 6 मेडल अपने नाम किए थे। भारत का कोई भी एथलीट इस टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल नहीं जीत सका था। इस टूर्नामेंट के खत्म होने के बाद एक बार फिर पेरिस में भारत अपनी चुनौती पेश करने जा रहा है। भारत 28 अगस्त से शुरू होने जा रहे पेरिस पैरालंपिक्स-2024 में पेरिस ओलंपिक के दर्द को दूर करने की कोशिश करेगा। इस टूर्नामेंट में उम्मीद की जा रही है कि भारत अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा।

12 खेल स्पर्धा में हिस्सा लेगा भारत 

भारत पेरिस पैरालंपिक्स गेम्स में इस बार अपना सबसे बड़ा दल भेज रहा है। भारत ने पेरिस पैरालंपिक्स के लिए कुल 84 एथलीट्स के नाम का ऐलान किया है। इसमें 32 महिला एथलीट्स भी शामिल हैं। भारत इस टूर्नामेंट में पैरा-साइक्लिंग, पैरा-रोइंग और ब्लाइंड जूडो सहित कुल 12 खेल स्पर्धा में हिस्सा ले रहा है।

पैरालंपिक्स गेम्स में कैसा रहा है भारत का इतिहास 

पैरालंपिक्स गेम्स में भारत ने पहली बार तेल अवीव पैरालंपिक्स-1968 में हिस्सा लिया था। इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए भारत से कुल 10 एथलीट्स तेल अवीव पहुंचे थे। इनमें 8 पुरुष और 2 महिला एथलीट शामिल थीं। हालांकि, भारत इस टूर्नामेंट में कोई भी पदक नहीं जीत सका था।

यहां जीता पहला पदक 

भारत ने पैरालंपिक्स गेम्स में अपना पहला पदक जर्मनी पैरालंपिक्स-1972 में जीता था। इस टूर्नामेंट में पैरा-तैराक मुरलीकांत पेटकर ने 50 मीटर फ्रीस्टाइल तैराकी स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीता था। उन्होंने 37.331 सेकंड का विश्व रिकॉर्ड समय दर्ज करते हुए ये मेडल अपने नाम किया था।

अब तक कैसा रहा है सफर 

1972 में अपना पहला स्वर्ण जीतने के बाद भारत ने 1976 और 1980 के टूर्नामेंट में हिस्सा नहीं लिया था। इसके बाद 1984 के पैरालंपिक्स गेम्स में जोगिंदर सिंह बेदी ने तीन अलग-अलग खेल स्पर्धा में पदक जीतकर इतिहास रच दिया था। इसके बाद 2004 के एथेंस पैरालंपिक्स गेम्स में देवेंद्र झाझरिया ने पुरुषों की भाला फेंक की स्पर्धा में स्वर्ण, राजिंदर सिंह राहेलू ने 56 किलोग्राम वर्ग की पावरलिफ्टिंग में ब्रॉन्ज मेडल जीता था। रियो पैरालंपिक्स गेम्स-2016 में भारत ने 4 पदक जीते। इसमें पहली बार महिला एथलीट ने भारत के लिए पदक जीता। ये पदक दीपा मलिक ने शूटिंग में जीता था।

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टोक्यो में किया था शानदार प्रदर्शन

भारत ने अब तक सबसे अच्छा प्रदर्शन पिछली बार यानी कि टोक्यो पैरालंपिक्स-2020 में किया था। इस टूर्नामेंट में भारत ने 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रॉन्ज मेडल के साथ कुल 19 मेडल जीते थे। टोक्यो पैरालंपिक्स में भारत की ओर से 54 एथलीट हिस्सा लेने के लिए पहुंचे थे। जबकि इस बार भारत कुल 84 एथलीट्स को इस टूर्नामेंट में हिस्सा लेने के लिए भेज रहा है। इससे उम्मीद जताई जा रही है कि भारत इस बार अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेगा।

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mashahid abbas

First published on: Aug 25, 2024 12:43 PM

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