India vs Australia: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एडिलेड टेस्ट शुक्रवार से शुरू हो रहा है। इस मैच का फैंस बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। हालांकि पहले दिन फैंस और टीम इंडिया दोनों को ही झटका लग सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि पहले दिन तूफान का पूर्वानुमान है, जो इस साल इस समय एडिलेड के लिए सामान्य बात नहीं है। इसको लेकर एडिलेड के पिच क्यूरेटर डेमियन हॉफ ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि यह तूफान कब आएगा, लेकिन शुक्रवार को थोड़ा कवर खींचने की उम्मीद है। उम्मीद है कि शनिवार की सुबह मौसम साफ हो जाएगा और फिर टेस्ट के बाकी बचे दिनों में मौसम अच्छा रहेगा।
यह ऑस्ट्रेलिया में पांच साल बाद भारत का पहला पिंक-बॉल टेस्ट होगा। टीम इंडिया इस मैदान पर 2020 में सिर्फ 36 रनों पर ऑलआउट हो गई थी। हालांकि एडिलेड के पिच क्यूरेटर डेमियन हॉफ ने कहा कि तब भी पिच में कोई खराबी नहीं थी। उन्होंने कहा कि पिंक बॉल की स्पीड में मौसम की बहुत बड़ी भूमिका होती है। गेंद के इधर-उधर बाउंस होने का पिच से कोई लेना-देना नहीं है। सही परिस्थितियों और सही मौसम में गेंद हिलेगी।
The Adelaide pitch for 2nd Test Match between India vs Australia. (RevSportz). pic.twitter.com/WoKvS7mGuW
— Tanuj Singh (@ImTanujSingh) December 4, 2024
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ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी वाकई बहुत अच्छी थी- हॉफ
उन्होंने आगे कहा, ‘तीसरे दिन की सुबह किसी ने भी यह उम्मीद नहीं की होगी कि टेस्ट मैच तीन दिन में खत्म हो जाएगा। ऑस्ट्रेलिया की गेंदबाजी वाकई बहुत अच्छी थी। मुझे नहीं लगता कि पिच ने इसमें कोई भूमिका निभाई।’ बता दें कि पिंक बॉल के टेस्ट क्रिकेट का इतिहास बताता है कि शाम को बल्लेबाजी करना बल्लेबाजों के लिए सबसे कठिन चुनौती होती है। हालांकि हॉफ के पास इस बारे में कोई निश्चित जानकारी नहीं थी, लेकिन उनका मानना था कि फ्लड लाइट को बल्लेबाजों के लिए मुश्किल होने की आम धारणा सही थी।
शाम को बैटिंग करना थोड़ा मुश्किल है- हॉफ
वो बताते हैं, ‘मैं केवल पिच की तैयारी के बारे में चिंतित हूं। इसलिए मैं खिलाड़ियों से इस बारे में विस्तार से बात नहीं करता कि उन्हें क्या चुनौतीपूर्ण लगता है। लेकिन इतिहास बताता है कि रात के समय का सेशन थोड़ा मुश्किल हो जाता है। ऐसा लगता है कि इसके अभ्यस्त होने में थोड़ा अधिक समय लगता है। यदि आपके पास कुछ खिलाड़ी हैं तो वे बहुत आसानी से इससे निपट सकते हैं। मुझे पता है कि शुरुआती दिनों में उन्हें सीम और यहां तक कि स्पिनरों के साथ भी खेलना मुश्किल लगता था।’
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