Hybrid SISGrass Technology: हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन (HPCA) स्टेडियम यानी धर्मशाला स्टेडियम देश का पहला हाइब्रिड एसआईएसग्रास टेक्नोलॉजी (Hybrid SISGrass Technology) वाला मैदान बन गया है। यह तकनीक बेस्ट नेचुरल और आर्टिफिशियल खेल सतहों का मिश्रण है, जो प्लेयर्स के लिए स्थायित्व, निरंतर प्रदर्शन और सुरक्षा का वादा करती है। इस पिच की शुरुआत नीदरलैंड से हुई।
DHARAMSHALA STADIUM BECOMES THE FIRST INDIAN STADIUM TO HOST A SIS-GRASS HYBRID PITCH. ⭐ pic.twitter.com/EnFTQIUlfX
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पिच की लाइफ बढ़ जाएगी
इस पिच का लक्ष्य भारी उपयोग के कारण तेजी से खराब हो रही पारंपरिक पिचों का समाधान देना और भारतीय क्रिकेट को ऊपर उठाना है। इस तकनीक से पिचों की लाइफ बढ़ जाती है। साथ ही ग्राउंडकीपर्स का बोझ भी कम करती है। यह इनिशिएटिव पूरे देश में क्रिकेट सुविधाओं को अपग्रेड करेगा। 2024 से देशभर में इस तरह के प्रोजेक्ट शुरू करने की योजना है। यूनाइटेड किंगडम में ऐसी पिचों के सफल इंप्लीमेंटेशन के बाद लिमिटेड ओवर मेच में हाइब्रिड सतहों के लिए ICC से मंजूरी मांगी गई है।
यह टेक्नोलॉजी क्या है?
2017 में SISGrass द्वारा विकसित यूनिवर्सल मशीन इस परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह प्राकृतिक टर्फ के साथ 5% पॉलिमर फाइबर का मिश्रण है, जो क्रिकेट पिचों की लचीलापन और गुणवत्ता को बढ़ाता है। यह तकनीक इंग्लैंड में पहले ही अपनी उपयोगिता साबित कर चुकी है, इसका उपयोग लगभग हर काउंटी मैदान में किया जाता है, जिसमें लॉर्ड्स और एजबेस्टन जैसे स्टेडियम शामिल हैं। धर्मशाला के बाद इस तकनीक का उपयोग अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम और मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में किया जाएगा।
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