Team India WTC Final Scenario: साउथ अफ्रीका के हाथों मिली 2-0 की शर्मनाक हार से टीम इंडिया के लिए वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल की राह बेहद मुश्किल हो चली है. 25 साल बाद भारतीय टीम को अपनी ही सरजमीं पर प्रोटियाज टीम के खिलाफ हार का मुंह देखना पड़ा है.
डब्ल्यूटीसी के इस साइकल में भारतीय टीम 18 में से अपने 9 मैच खेल चुकी है. टीम का जीत प्रतिशत 48.15 है और टेबल में टीम पांचवें नंबर पर काबिज है. पिछले दो डब्ल्यूटीसी साइकल को देखा जाए, तो फाइनल का टिकट हासिल करने के लिए कम से कम जीत प्रतिशत का 60 से 65 होना जरूरी रहा है. अब यहां से टीम इंडिया को खिताबी मैच खेलने के लिए क्या करना होगा वो आइए आपको विस्तार से समझाते हैं.
कैसे मिलेगा WTC Final का टिकट?
टीम इंडिया को अपना जीत प्रतिशत 60 तक पहुंचने के लिए 130 प्वाइंट्स चाहिए होंगे, क्योंकि टीम को इस साइकल में 18 मैच खेलने हैं. (18 x 12 = 216) हर जीत के लिए टीम को 12 पॉइंट मिलते हैं, जबकि ड्रॉ के लिए कुल 4 पॉइंट दिए जाते हैं. अब इस हिसाब से बचे हुए 9 मैचों में भारतीय टीम को अभी 78 पॉइंट और अर्जित करने हैं. टीम इंडिया को श्रीलंका और न्यूजीलैंड से दो मैचों की टेस्ट सीरीज खेलनी है, तो ऑस्ट्रेलिया से टीम का सामना पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में होगा. अब इस स्थिति से डब्ल्यूटीसी फाइनल तक पहुंचने के दो तरीके निकल कर आ रहे हैं.
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टीम इंडिया बचे हुए 9 मैचों में से 6 में जीत दर्ज कर ले और दो मैच ड्रॉ कराने में सफल हो जाए. इस स्थिति में टीम के कुल 80 पॉइंट हो जाएंगे. दूसरी सिचुएशन यह है कि भारतीय टीम 9 में से 7 मैचों को जीतने में सफल रहे और सीधा डब्ल्यूटीसी फाइनल का टिकट कटा ले.
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राह नहीं होगी आसान
अब श्रीलंका के खिलाफ तो टीम इंडिया का रिकॉर्ड गजब का रहा है. पिछले 6 टेस्ट मैचों में से भारतीय टीम ने पांच में श्रीलंका को पटखनी दी है. मगर कहानी तो न्यूजीलैंड में फंसती हुई दिखाई दे रही है. यहां पर आखिरी बार भारतीय टीम साल 2020 में हुई थी और 0-2 से हारकर घर लौटी थी. वहीं, 2014 में भी यही हाल रहा था. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज घर में होनी है, लेकिन कंगारुओं से पार पाना इतना आसान नहीं रहने वाला है. स्पिन गेंदबाजों के खिलाफ घुटने टेकने की टीम इंडिया की कमजोरी भारतीय टीम को काफी भारी पड़ सकती है.










