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भारत की सफलता देख चिढ़ गया चीन, बोला- चंद्रमा के साउथ पोल पर उतरा नहीं Chandrayaan-3

Chandrayaan-3 Mission Update Chinese scientist claims India Vikram Lander Not land on Moon south pole: भारत की सफलता से पड़ोसी चीन चिढ़ गया है। जिस चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर दुनियाभर से बधाई मिली। नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों ने चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग के लिए इसरो के वैज्ञानिकों की सराहना की। सफलता भी […]

Edited By : Bhola Sharma | Updated: Sep 28, 2023 17:20
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Chandrayaan-3 Mission Update

Chandrayaan-3 Mission Update Chinese scientist claims India Vikram Lander Not land on Moon south pole: भारत की सफलता से पड़ोसी चीन चिढ़ गया है। जिस चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर दुनियाभर से बधाई मिली। नासा और यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसियों ने चंद्रमा के साउथ पोल पर लैंडिंग के लिए इसरो के वैज्ञानिकों की सराहना की। सफलता भी बड़ी थी, क्योंकि साउथ पोल पर पहुंचने पर भारत पहला देश है। लेकिन चीन के टॉप साइंटिस्ट ने भारत की सफलता पर विवादित दावा किया। उसने कहा कि भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर नहीं उतरा था। फिलहाल साइंटिस्ट को अपने ही घर में धूल खानी पड़ी। उसे चीन के हांगकांग यूनिवर्सिटी के स्पेस रीयर्स लेब्रोरेटरी ने करारा जवाब दिया और उनके दावे को खारिज कर दिया।

लेब्रोरेटरी के वैज्ञानिक क्वेंटिन पार्कर ने कहा कि जिस वक्त आप दक्षिणी ध्रुव के नजदीक अपना लैंडर उतारते हैं, जिसे दक्षिणी ध्रुव माना गया है। वह अपने आप में ही बड़ी उपलब्धि है।

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जानिए चीनी साइंटिस्ट ने और क्या दावे किए?

दरअसल,चीनी विज्ञान एकेडमी के सदस्य और कॉस्मोकेमिस्ट ओयांग जियुआन चीन के पहले मून मिशन के मेन साइंटिस्ट थे। उन्होंने कहा कि भारत का अंतरिक्ष यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर या उसके आसपास नहीं उतरा। न ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र में लैंड हुआ है और न ही यह अंटार्कटिक ध्रुवीय क्षेत्र के पास उतरा। उन्होंने यह दावे अपने आधिकारिक साइंस टाइम्स अखबार में की है।

दरअसल, ओयांग ने यह दावे दक्षिणी ध्रुव क्षेत्र को लेकर किया है। उनकी मान्यता इस तर्क पर है कि दक्षिणी ध्रुव कहां पर है।

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चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की अलग-अलग धारणाएं?

पृथ्वी पर दक्षिणी ध्रुव को 66.5 और 90 डिग्री दक्षिण के बीच कहीं भी परिभाषित किया गया है, क्योंकि इसकी घूर्णन धुरी सूर्य के सापेक्ष लगभग 23.5 डिग्री पर झुकी हुई है।

ओयांग का तर्क है कि चूंकि चंद्रमा का झुकाव केवल 1.5 डिग्री था, ध्रुवीय क्षेत्र बहुत छोटा था।

नासा चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव को 80 से 90 डिग्री मानता है, जबकि ओयांग ने कहा कि वह इसे 88.5 से 90 डिग्री पर और भी छोटा मानता है, जो चंद्रमा के 1.5 डिग्री झुकाव को दर्शाता है।

14 जुलाई को भारत ने किया था लॉन्च

दरअसल, 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश में श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चंद्रयान-3 को लॉन्च किया था। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 के लैंडर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड किया था। जहां 14 दिन रिसर्च करने के बाद दो हफ्तों के लिए लैंडर और रोवर को स्लीप मोड में डाला गया। इसरो के वैज्ञानिक अब उसे फिर से जीवित करने का प्रयास कर रहे हैं।

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Written By

Bhola Sharma

First published on: Sep 28, 2023 05:20 PM

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