Vaishakh Amavasya 2024: अमावस्या तिथि का सनातन संस्कृति में बहुत महत्व है। इस नदियों में स्नान करने और दान-पुण्य की परंपरा है। यह दिन पितरों को भी समर्पित है। पितरों की आत्मा की शांति के लिए इस दिन श्राद्ध और तर्पण किया जाता है। हिन्दू कैलेंडर के दूसरे महीने वैशाख की अमावस्या 7 मई को है या 8 मई को, इसे लेकर थोड़ा संशय की स्थिति है। पंडितों के अनुसार, वैशाख अमावस्या 7 मई को सुबह 11 बजकर 41 पर शुरू होकर अगले दिन 8 मई सुबह 08 बजकर 52 मिनट खत्म होगी। सूर्योदय के बाद अमावस्या की तिथि के आरंभ होने कारण 8 मई की सूर्योदय को आधार मानते हुए वैशाख अमावस्या 8 मई को मनाई जाएगी।
वैशाख अमावस्या मुहूर्त
वैशाख अमावस्या तिथि पर स्नान और दान के तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। पहला मुहूर्त सुबह में 4 बजकर 11 मिनट से लेकर 4 बजकर 51 मिनट तक है। दूसरा मुहूर्त सुबह 5 बजकर 34 मिनट से लेकर 7 बजकर 14 मिनट तक है। वहीं, तीसरा मुहूर्त भी सुबह में ही 7 बजकर 14 मिनट से लेकर 8 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। इनमें दूसरा लाभ-उन्नति मुहूर्त और तीसरा अमृत-सर्वोत्तम मुहूर्त है, जो स्नान और दान के लिए सबसे बढ़िया है।
बन रहे हैं तीन शुभ योग
वैशाख अमावस्या के दिन तीन योग बन रहे हैं- सर्वार्थ सिद्धि योग, शोभन योग और सौभाग्य योग। सर्वार्थ सिद्धि योग दिन में 01:33 बजे से 9 मई की सुबह 05:34 बजे तक, सौभाग्य योग 7 मई की रात्रि 8 बजकर 59 मिनट से 8 मई की शाम 5 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। इसके बाद शोभन योग की शुरुआत होगी, जो पूरी रात रहेगी।
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वैशाख अमावस्या पर करें ये उपाय
1. पितरों की आत्मा की शांति के लिए और उनका आशीर्वाद पाने के लिए गरीबों को भोजन करवाएं। पशु-पक्षियों को खाना दें।
2. वैशाख अमावस्या के दिन दक्षिण भारत में शनि जयंती मनाई जाती है। इस दिन सभी प्रकार के शनि दोष के उपाय के लिए शनि मंदिर जाकर शनिदेव को नीले वस्त्र और तिल अर्पित करें, तिल तेल का दीया जलाएं।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।