Vastu Tips: ड्राइंग रूम घर का वह हिस्सा होता है, जहां मेहमानों का स्वागत होता है और परिवार के लोग एक साथ समय बिताते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, ड्राइंग रूम की सजावट और सामान का सही स्थान न केवल सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है, बल्कि घर में सुख-शांति और समृद्धि भी लाता है।
वहीं, कुछ ऐसी चीजें हैं, जिन्हें ड्राइंग रूम में रखने से नकारात्मक ऊर्जा आ सकती है। इसके साथ ही ये घर के सदस्यों के जीवन में दुर्भाग्य का कारण भी बनता है। आइए जानते हैं कि वे कौन सी चीजें हैं, जिन्हें ड्राइंग रूम में रखने से बचना चाहिए।
टूटा-फूटा या खराब फर्नीचर
वास्तु शास्त्र में टूटा-फूटा या खराब फर्नीचर नकारात्मक ऊर्जा का प्रतीक माना जाता है। ड्राइंग रूम में रखा टूटा हुआ सोफा, कुर्सी या मेज मेहमानों पर गलत प्रभाव डालता है और घर में आर्थिक तंगी या रिश्तों में खटास ला सकता है।
हिंसक या दुखद चित्र और मूर्तियां
ड्राइंग रूम में युद्ध, हिंसा, रोते हुए लोग या दुखद दृश्यों वाले चित्र और मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। जैसे शेर के शिकार करते हुए चित्र या टूटी मूर्तियां नकारात्मकता को बढ़ावा देती हैं। वास्तु के अनुसार, ऐसे चित्र मन में अशांति और तनाव पैदा करते हैं, जो घर के माहौल को खराब कर सकते हैं। ड्राइंग रूम में प्राकृतिक दृश्य, फूल, पक्षी या शांतिपूर्ण चित्र जैसे नदियां, पहाड़ या भगवान की तस्वीरें लगाएं। ये सकारात्मकता लाती हैं।
कांटेदार पौधे या सूखे फूल
वास्तु शास्त्र में ड्राइंग रूम में कांटेदार पौधे जैसे कैक्टस या सूखे फूल रखना अशुभ माना जाता है। ये पौधे और फूल नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं। कांटेदार पौधे रिश्तों में तनाव और सूखे फूल मृत ऊर्जा का प्रतीक हैं, जो घर में रुकावटें पैदा कर सकते हैं। इस जगह पर हरे-भरे पौधे जैसे मनी प्लांट, बांस या ताजे फूलों का गुलदस्ता रखें।
पुराने या बेकार इलेक्ट्रॉनिक सामान
पुराने, खराब टीवी, रेडियो या अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान जो काम नहीं करते, वे ड्राइंग रूम में नहीं रखने चाहिए। वास्तु के अनुसार, ये सामान नकारात्मक ऊर्जा का स्रोत बनते हैं। बेकार इलेक्ट्रॉनिक सामान प्रगति में रुकावट और आर्थिक नुकसान का कारण बन सकता है।
दर्पण की गलत दिशा
वास्तु शास्त्र में ड्राइंग रूम में दर्पण को मुख्य द्वार के सामने या गलत दिशा में रखना अशुभ माना जाता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है। मुख्य द्वार के सामने दर्पण रखने से घर में आने वाली सकारात्मकता वापस लौट जाती है। दर्पण को उत्तर या पूर्व दिशा की दीवार पर लगाएं और सुनिश्चित करें कि यह मुख्य द्वार के सामने न हो।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी वास्तु शास्त्र पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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