Vastu Shastra: गौतम बुद्ध की मूर्ति घर में रखना सिर्फ धार्मिक विश्वास का प्रतीक नहीं है, बल्कि यह शांति और सौहार्द का वातावरण बनाती है। वास्तुशास्त्र में बुद्ध की मूर्ति को सकारात्मक ऊर्जा का स्रोत माना जाता है, जो घर के सदस्यों के बीच तनाव कम करती है और मानसिक शांति देती है। इसका प्रभाव तभी मिलता है, जब इसे वास्तु के नियमों के अनुसार सही जगह पर रखा जाए। सही दिशा और स्थान चुनने से घर में समृद्धि, शांति, और मंगलमय वातावरण बना रहता है। वास्तुशास्त्र में गौतम बुद्ध की मूर्ति को रखने के लिए कुछ खास दिशाएं और स्थान शुभ माने जाते हैं। ये स्थान घर में सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं और बुद्ध की कृपा को आकर्षित करते हैं।
यह दिशा है शुभ
भगवान बुद्ध की मूर्ति रखने के लिए सबसे शुभ जगह उत्तर-पूर्व दिशा है। इसे वास्तु में ईशान कोण कहते हैं। यह दिशा आध्यात्मिकता और सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र है। अगर आप घर के इस हिस्से में, जैसे लिविंग रूम या पूजा कक्ष में, बुद्ध की मूर्ति रखते हैं, तो यह पूरे घर में शांति और समृद्धि लाती है। मूर्ति को इस तरह रखें कि बुद्ध का मुख पूर्व या उत्तर की ओर हो, क्योंकि ये दिशाएं ज्ञान और शांति से जुड़ी हुई हैं। अगर आपके घर का उत्तर-पूर्व कोना खुला है, तो वहां एक छोटी चौकी पर बुद्ध की मूर्ति रखकर उसके सामने दीपक जलाएं।
पूजा घर में रख सकते हैं मूर्ति
अगर उत्तर-पूर्व में जगह न हो, तो पूजा कक्ष में मूर्ति रखना भी शुभ है। पूजा कक्ष में बुद्ध की मूर्ति को अन्य देवी-देवताओं के साथ रख सकते हैं। मूर्ति का चेहरा पूर्व की ओर होना चाहिए, क्योंकि यह दिशा सूर्योदय और नई शुरुआत से जुड़ी है।
लिविंग रूम भी है परफेक्ट प्लेस
लिविंग रूम में भी बुद्ध की मूर्ति रखी जा सकती है, खासकर अगर वहां परिवार के लोग ज्यादा समय बिताते हैं। इसे पूर्व या उत्तर दिशा में, जैसे किसी शेल्फ या टेबल पर रखें। मूर्ति को जमीन से कम से कम 2-3 फीट ऊपर रखें। यहां बुद्ध की ध्यान मुद्रा वाली मूर्ति रखना सबसे अच्छा माना जाता है, क्योंकि यह शांति और एकाग्रता को बढ़ाती है।
स्टडी रूम भी है बेस्ट
अगर आप स्टडी या मेडिटेशन रूम में बुद्ध की मूर्ति रखना चाहते हैं, तो यह भी बहुत शुभ है। बुद्ध की मूर्ति यहां मन को शांत और विचारों को केंद्रित करती है। इसे पूर्व या उत्तर दिशा में रखें, और मूर्ति के सामने एक छोटा दीपक या धूपबत्ती जलाएं। अगर आप रोज ध्यान करते हैं, तो ध्यान कक्ष में बुद्ध की मूर्ति रखने से आपकी एकाग्रता बढ़ेगी। वहीं, स्टूडेंट्स का फोकस पढ़ाई में बढ़ेगा।
इन बातों का रखें ध्यान
वास्तुशास्त्र में गौतम बुद्ध की मूर्ति रखते समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है, ताकि वास्तु दोष न हो और मूर्ति का पूरा लाभ मिले। सबसे पहले, मूर्ति को बेडरूम में न रखें, क्योंकि यह स्थान निजी और विश्राम का है, जो आध्यात्मिक मूर्तियों के लिए उपयुक्त नहीं माना जाता है। अगर मजबूरी में बेडरूम में रखना पड़े, तो मूर्ति को बेड से दूर और ऊंचे स्थान पर रखें।
मूर्ति को रसोई, बाथरूम, या स्टोर रूम में बिल्कुल न रखें। ये स्थान अपवित्र माने जाते हैं, और यहां मूर्ति रखना वास्तु दोष पैदा करता है। इसके साथ ही मूर्ति को कभी भी जमीन पर सीधे न रखें। इसे हमेशा किसी चौकी, शेल्फ, या टेबल पर रखें, जो कम से कम 2 फीट ऊंचा हो।
मुद्रा भी है इंपोर्टेंट
मूर्ति की मुद्रा भी महत्वपूर्ण मानी जाती है है। ध्यान मुद्रा (ध्यान में बैठे बुद्ध) शांति और एकाग्रता के लिए अच्छी है, जबकि हंसते हुए बुद्ध मतलब लाफिंग बुद्धा समृद्धि और खुशी के लिए उपयुक्त हैं। लाफिंग बुद्ध को लिविंग रूम में प्रवेश द्वार के सामने रखना शुभ है, ताकि वह सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करें। इस बात का ध्यान रखें कि मूर्ति का आकार ज्यादा बड़ा न हो, छोटी या मध्यम आकार की मूर्ति घर के लिए बेहतर है।
साफ रखें जगह
मूर्ति के आसपास का स्थान साफ और शांत रखें। नियमित रूप से मूर्ति की सफाई करें और इसके सामने दीपक या धूपबत्ती जलाएं। मूर्ति के सामने फूल, जैसे कमल या सफेद फूल, रखना भी शुभ है। अगर मूर्ति टूट जाए या खराब हो जाए, तो उसे सम्मानपूर्वक विसर्जित करें और नई मूर्ति लाएं।
करें ये उपाय
वास्तुशास्त्र में बुद्ध मूर्ति को और प्रभावी बनाने के लिए कुछ उपाय किए जा सकते हैं। मूर्ति के सामने रोज सुबह एक छोटा दीपक जलाकर ‘ॐ नमो बुद्धाय’ मंत्र का 11 या 21 बार जाप करें। यह घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है। मूर्ति के पास एक छोटा सा पानी का बर्तन या फव्वारा रखना भी शुभ है, क्योंकि पानी शांति और समृद्धि का प्रतीक है। अगर आप लाफिंग बुद्ध की मूर्ति रख रहे हैं, तो उसके नीचे लाल कपड़ा बिछाएं और मूर्ति का मुख घर के मुख्य द्वार की ओर रखें।
क्या न करें
कुछ गलतियां वास्तु दोष पैदा कर सकती हैं। मूर्ति को ऐसी जगह न रखें, जहां अंधेरा या अव्यवस्था हो। इसे सीढ़ियों के नीचे, जूते-चप्पल के पास, या गंदे स्थान पर न रखें। मूर्ति को बार-बार इधर-उधर न हटाएं। एक बार सही जगह चुनने के बाद उसे वहीं रखें। इसके साथ ही मूर्ति के सामने झगड़ा, नकारात्मक बातें, या अनैतिक व्यवहार से बचें, क्योंकि यह बुद्ध की शांति को भंग करता है।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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