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Skand Shashthi 2025: संतान प्राप्ति के लिए करें स्कंद षष्ठी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

Skand Shashthi 2025: पंचांग के मुताबिक, हर महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी व्रत रखा जाता है. संतान प्राप्ति के लिए और शत्रुओं पर विजय के लिए स्कंद षष्ठी का व्रत करना लाभकारी होता है. इस महीने में स्कंद षष्ठी का व्रत 26 नवंबर को रखा जाएगा. चलिए इस व्रत के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व के बारे में जानते हैं.

Author Written By: Aman Maheshwari Author Published By : Aman Maheshwari Updated: Nov 24, 2025 14:23
Skand Shashthi 2025
Photo Credit- News24GFX

Skand Shashthi 2025: स्कंद षष्ठी का व्रत भगवान कार्तिकेय को समर्पित होता है. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र कार्तिकेय की पूजा की जाती है. यह व्रत हर महीने की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है. अब मार्गशीर्ष माह का स्कंद षष्ठी व्रत 26 नवंबर को रखा जाएगा. यह व्रत संतान प्राप्ति के लिए बहुत ही शुभ माना जाता है. स्कंद षष्ठी का व्रत करने से भक्तों को सुख, समृद्धि और विजय की प्राप्ति होती है. आइये स्कंद षष्ठी व्रत के शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, महत्व और मंत्रों के बारे में जानते हैं.

स्कंद षष्ठी व्रत शुभ मुहूर्त

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द्रिक पंचांग के अनुसार, 25 नवंबर की रात को 10 बजकर 56 मिनट पर मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी की शुरुआत होगी. इसका समापन अगले दिन 27 नवंबर 2025 की देर रात 12 बजकर 1 मिनट पर होगा. मार्गशीर्ष माह की स्कंद षष्ठी 26 नवंबर को मनाई जाएगी. स्कंद षष्ठी की पूजा के लिए अभिजीत मुहूर्त और विजय मुहूर्त शुभ होता है. आप दोपहर 1 बजकर 54 मिनट से 2 बजकर 36 मिनट के बीच विजय मुहूर्त में पूजा कर सकते हैं.

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स्कंद षष्ठी व्रत पूजा विधि

स्कंद षष्ठी के दिन आप सुबह स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहन लें. इसके बाद पूजा स्थल की सफाई कर भगवान शिव, माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय भगवान की प्रतिमा स्थापित करें. शुभ मुहूर्त में भगवान की पूजा करें. भगवान को फूल, फल, धूप-दीप अर्पित करें और भगवान को भोग लगाएंं.

स्कंद षष्ठी व्रत महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, स्कंद षष्ठी व्रत का दिन विजय और शक्ति का दिन माना जाता है. इस दिन भगवान कार्तिकेय की पूजा का महत्व होता है. स्कंद षष्ठी की पूजा करने से जीवन में मजबूती और आत्मबल की प्राप्ति होती है. इस दिन आपको व्रत और पूजा के साथ भगवान कार्तिकेय की आरती करनी चाहिए.

स्कंद षष्ठी व्रत मंत्र

ॐ तत्पुरुषाय विधमहे: महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोद्यात:

ॐ श्री स्कंदाय नमः’ और ‘ॐ सर्वणभवाय नमः

देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव।
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 24, 2025 02:23 PM

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