Shivling Puja Rules: घर में शिवलिंग स्थापित करना बहुत पुण्य का काम माना जाता है. यह केवल भगवान शिव की आराधना का माध्यम नहीं, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और शांति लाने का तरीका भी है. लेकिन कुछ नियमों का पालन न करने पर शिवलिंग की पूजा का लाभ नहीं मिलता और कभी-कभी परेशानियां भी उत्पन्न हो सकती हैं. आइए जानते हैं, वो 8 महत्वपूर्ण शिवलिंग पूजा नियम, जिन्हें हर घर में पालन करना चाहिए.
शिवलिंग का सही स्थान
शिवलिंग को हमेशा ऐसे स्थान पर रखें जहाँ इसकी नियमित पूजा संभव हो. यह स्थान साफ-सुथरा और शांत होना चाहिए. अराजक या गंदे स्थान पर रखे गए शिवलिंग से घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है.
हल्दी का प्रयोग न करें
हल्दी का संबंध मुख्य रूप से स्त्रियों और विवाह से होता है. चूंकि शिवलिंग भगवान शिव का प्रतीक है, इसलिए हल्दी चढ़ाना उचित नहीं माना जाता. इसके बजाय पूजा में बेलपत्र और जल का उपयोग करें.
सिंदूर से बचें
सिंदूर पति की लंबी आयु का प्रतीक माना जाता है. शिवलिंग पर कभी सिंदूर नहीं चढ़ाना चाहिए, क्योंकि भगवान शिव विनाश के देवता हैं.
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सही सामग्री के शिवलिंग
घर में स्थापित शिवलिंग हमेशा सोने, चांदी या पीतल का होना चाहिए. ये धातुएं न केवल पवित्रता दर्शाती हैं, बल्कि लंबे समय तक शिवलिंग को स्थायी और मजबूत बनाए रखती हैं.
जल का टपकना है जरूरी
शिवलिंग पर मटकी या जल से लगातार पानी टपकते रहना चाहिए. यह न केवल पूजा का नियम है, बल्कि घर में सकारात्मक ऊर्जा और सुख-समृद्धि लाने का प्रतीक भी है.
गलत पत्तियों और फूलों से बचें
तुलसी की पत्तियां शिवलिंग पर अर्पित नहीं करनी चाहिए. केवड़ा और चम्पा के फूल कभी भी चढ़ाएं नहीं, क्योंकि उन्हें भगवान शिव ने श्राप दिया था. इनके बजाय बेलपत्र और पवित्र फूल का प्रयोग करें.
चंदन और नारियल का सही प्रयोग
रोज सुबह नहाने के बाद शिवलिंग पर चंदन का तिलक लगाएं. नारियल का पानी कभी भी चढ़ाएं नहीं, लेकिन कच्चा नारियल अर्पित किया जा सकता है.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.


 
 










