Sawan Shivratri 2025: 23 जुलाई को सावन 2025 की कृष्ण पक्ष की शिवरात्रि मनाई जा रही है। जिस दिन त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि का मिलन होता है, उस दिन सावन की शिवरात्रि मनाई जाती है। माना जाता है कि शिवरात्रि की रात में अगर कुछ उपायों को किया जाए तो जीवन की सभी समस्याओं से निजात मिल जाता है। शिवरात्रि में निशीथ काल में महादेव स्वयं माता गौरा के साथ भ्रमण पर निकलते हैं। ऐसे में अगर कुछ उपायों को कर लिया जाए तो सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। आइए जानते हैं कि शिवरात्रि की रात को किन उपायों को करें?
शिवलिंग पर इस विधि से चढ़ाएं बिल्वपत्र
सावन शिवरात्रि की रात भगवान शिव की पूजा के लिए विशेष रूप से शुभ होती है। इस रात शिवलिंग पर बिल्वपत्र और गंगाजल चढ़ाएं। बिल्वपत्र को तीन पत्तियों वाला चुनें और जिसमें से एक पत्ती पर ओम, दूसरे पर नमः और तीसरे पर शिवाय लिख दें। इसके बाद इसी मंत्र का जाप करते हुए इसे शिवलिंग पर अर्पित कर दें। इसके साथ ही गंगाजल भी अर्पित करें। इस समय मन में अपने परिवार की सुख-शांति की कामना करें। यह उपाय भगवान शिव को प्रसन्न करने और उनकी कृपा प्राप्त करने में सहायक है।
शिवलिंग का करें अभिषेक
शिवलिंग का कुछ चीजों जैसे दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से शिवरात्रि की रात अभिषेक करें। इससे शिवलिंग का अभिषेक करने से जीवन के दुखों का नाश होता है। इसके साथ ही ‘ॐ नमः शिवाय’ का जाप करें। यह उपाय स्वास्थ्य और दीर्घायु के लिए विशेष रूप से लाभकारी है।
महामृत्युंजय मंत्र और रुद्राष्टक का जाप
सावन शिवरात्रि की रात को महामृत्युंजय मंत्र का जाप और रुद्राष्टक का पाठ अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का उपयोग करें और शांत मन से भगवान शिव का ध्यान करें। यह मंत्र नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है और जीवन में सकारात्मकता लाता है।
शिव मंदिर में दीप दान
सावन शिवरात्रि की रात को किसी शिव मंदिर में जाकर दीप दान करें। इस दिन घी का दीपक जलाएं और भगवान शिव को समर्पित करें। दीप दान से जीवन में अंधकार दूर होता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। यदि मंदिर जाना संभव न हो, तो घर पर ही शिवलिंग के समक्ष दीप जलाएं।
रात्रि जागरण और भजन-कीर्तन
सावन शिवरात्रि की रात को जागरण करना और भगवान शिव के भजन-कीर्तन गाना अत्यंत पुण्यदायी होता है। रात में भगवान शिव की कथाओं का पाठ करें, जैसे शिव पुराण या शिव चालीसा। भक्ति भाव से भजन गाएं और शिव की आराधना करें। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्रों पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।
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