Sawan Shivratri 2025 Vrat: हिंदू धर्म के लोगों के लिए भगवान शिव को समर्पित सावन माह का खास महत्व है, जिसे श्रावण मास भी कहा जाता है। सावन का महीना 30 दिन का होता है, जो शिव जी की उपासना के लिए अत्यंत फलदायी माना गया है। श्रावण माह में आने वाली शिवरात्रि को श्रावण शिवरात्रि और सावन शिवरात्रि के नाम से जाना जाता है। इस दिन भक्तजन शिव जी की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखते हैं।
मान्यता है कि सावन शिवरात्रि के दिन पूजा-पाठ और स्नान-दान करने से साधक को विशेष फल की प्राप्ति होती है। साथ ही इस दिन शिवलिंग पर जल चढ़ाना शुभ रहता है। चलिए जानते हैं साल 2025 में किस दिन सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा।
सावन शिवरात्रि 2025 में कब है?
द्रिक पंचांग के अनुसार, इस बार 11 जुलाई 2025 से लेकर 9 अगस्त 2025 तक सावन का महीना चलेगा, जिस दौरान 4 सोमवार का संयोग बन रहा है। हर साल सावन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाता है। इस साल सावन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि का आरंभ 23 जुलाई 2025 को प्रात: काल 04 बजकर 39 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन 24 जुलाई 2025 को सुबह 02 बजकर 28 मिनट पर होगा। उदयातिथि के आधार पर साल 2025 में 23 जुलाई को सावन शिवरात्रि का व्रत रखा जाएगा।
सावन शिवरात्रि व्रत के पारण का समय
सावन शिवरात्रि के व्रत का पारण 24 जुलाई 2025 को किया जाएगा क्योंकि शिवरात्रि का उपवास सूर्योदय के बाद खोला जाता है। इस दिन प्रात: काल 05 बजकर 38 मिनट के बाद सावन शिवरात्रि के व्रत का पारण करना शुभ रहेगा।
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सावन शिवरात्रि की पूजा का शुभ मुहूर्त
- सूर्योदय- प्रात: काल 05:37
- ब्रह्म मुहूर्त- प्रात: काल में 04:15 से लेकर 04:56 मिनट तक
- अभिजित मुहूर्त- नहीं है
- गोधूलि मुहूर्त- शाम में 07:17 से लेकर 07:38 मिनट तक
- रात्रि प्रथम प्रहर की पूजा का समय- शाम 07:17 से लेकर रात 09:53 मिनट तक
- रात्रि द्वितीय प्रहर की पूजा का समय- देर रात 09:53 से लेकर अगले दिन की सुबह 12:28 मिनट तक
- रात्रि तृतीय प्रहर की पूजा का समय- प्रात: काल में 12:28 से लेकर 03:03 मिनट तक (24 जुलाई)
- रात्रि चतुर्थ प्रहर की पूजा का समय- प्रात: काल में 03:03 से लेकर 05:38 मिनट तक (24 जुलाई)
- निशिता काल- प्रात: काल में 12:07 से लेकर 12:48 मिनट तक (24 जुलाई)
सावन शिवरात्रि की पूजा का अशुभ मुहूर्त
- भद्रा काल- प्रात: काल 05:37 से लेकर दोपहर 03:31 मिनट तक
- राहुकाल- दोपहर में 12:27 से लेकर 02:10 मिनट तक
सावन शिवरात्रि व्रत की पूजा विधि
- व्रत वाले दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें।
- स्नान आदि कार्य करने के बाद शुद्ध कपड़े धारण करें।
- व्रत का संकल्प लें।
- शिव जी और देवी पार्वती की पूजा करें।
- देवी-देवताओं के चरणों में फल, फूल, मिठाई और वस्त्र अर्पित करें।
- शिवलिंग पर जल अर्पित करें।
- आरती करें।
- पूरे दिन व्रत का पालन करें।
- व्रत का पारण करने से पहले दान करें।
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