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Religion

काम निकलते ही पलट जाएं लोग तो क्या करें? प्रेमानंद महाराज ने सुझाया तरीका

अक्सर देखा जाता है कि लोग अपना काम होते ही पलट जाते हैं जिसके कारण सामने वाले व्यक्ति को बेहद ठेस पहुंचती है। ऐसी परिस्थिति में व्यक्ति को क्या करना चाहिए, उसी बारे में प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज ने सरल और गहरे तरीके से समझाया है।

Author Edited By : Nidhi Jain Updated: May 31, 2025 10:21
premanand maharaj
प्रेमानंद महाराज ने बताया प्रारब्ध का रहस्य

Premanand Maharaj Video: हर एक व्यक्ति का स्वभाव भिन्न होता है। जहां कुछ लोग बहुत ज्यादा सरल स्वभाव के होते हैं और लोगों की मदद के लिए हमेशा आगे रहते हैं, वहीं मतलबी, लालची और झगड़ालू लोगों की भी कमी नहीं है। अक्सर देखा जाता है कि लोग अपना काम निकलते ही पलट जाते हैं, जिसके कारण कई बार लोगों के बीच दुश्मनी भी हो जाती है। यदि आप भी ऐसी परिस्थिति के बीच फंसे हैं तो प्रेमानंद महाराज द्वारा सुझाया हुआ तरीका अपना सकते हैं।

प्रेमानंद महाराज एक कथावाचक हैं, जो एकांतिक वार्तालाप के दौरान भक्तों की परेशानी सुनते हैं और उन्हें उनका समाधान बताते हैं। इस समय सोशल मीडिया पर वृंदावन के प्रेमानंद महाराज का जो वीडियो वायरल हो रहा है, उसमें वो बता रहे हैं कि व्यक्ति यदि अपना काम निकलते ही पलट जाएं तो ऐसी परिस्थिति में हमें क्या करना चाहिए।

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काम निकलते ही पलट जाएं लोग तो क्या करें?

प्रेमानंद महाराज से एक भक्त ने सवाल किया कि, ‘लोगों का जब काम निकल जाता है तो वो गलत बोलने लगते हैं। उस वक्त मुझे बहुत गुस्सा आता है जो सहन नहीं होता और ऐसा लगता है कि मैं खुद मर जाऊं या उसे मार दूं।’ इसका जवाब देते हुए बाबा ने कहा, ‘अगर आप अच्छा करते हैं तो उसका परिणाम भी अच्छा होगा। आपने वास्तव में अच्छा काम किया है तो लौट के धन्यवाद भी नहीं सुनना चाहिए। सामने वाला व्यक्ति क्या करता है उससे आपको मतलब नहीं होना चाहिए। आप सोचें कि मैंने भगवान को साक्षी मानकर अच्छा व्यवहार व काम किया है, जिसका फल वो ही देंगे।’

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अपनी अच्छाई पर रखें भरोसा

इसी के आगे बाबा ने कहा, ‘अगर सामने वाला व्यक्ति हमें पलट के गाली देता है तो हमारी अच्छाई ये ही है कि हम मुस्कुरा कर चले जाएं। उसे उत्तर नहीं देना चाहिए और न ही उसका बुरा सोचना चाहिए। इसके लिए आपको अध्यात्म को समझना होगा। अगर आप अध्यात्म को नहीं समझेंगे तो बुरा भाव आपके अंदर आ ही जाएगा। हमारी अच्छाई तो तब है, जब हम अच्छा करें और वो हमारे साथ बुरा भाव रखें। फिर भी हम अच्छा करें तो तभी तो हम अच्छे होंगे।

जब हम अच्छाई पर उतरेंगे तो बुराई हमें परास्त नहीं कर पाएगी। यदि आपके अंदर बुरा भाव आ गया तो बुराई ने आपको परास्त कर दिया। ऐसे में आप बीच में भगवान को लाएंगे तो परेशान नहीं होंगे। आप ये सोचें कि मेरी अच्छाई का फल मुझे भगवान देंगे और उसे उसकी बुराई का फल तो निश्चित ही भगवान आपका सहयोग करेंगे और आपकी रक्षा करेंगे।’

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First published on: May 31, 2025 10:21 AM

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