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Durga puja 2024: 8 या 9 अक्टूबर, दुर्गा पूजा कब से शुरू? जानें बिल्व निमंत्रण, कल्परंभ और सिंदूर खेला की सही तिथि

Durga puja 2024: बंगाली समुदाय के लोगों के लिए दुर्गा पूजा के पर्व का खास महत्व है, जिसका आरंभ शारदीय नवरात्रि की षष्ठी तिथि से होता है। हालांकि इस बार षष्ठी तिथि को लेकर कन्फ्यूजन बना हुआ है। चलिए जानते हैं इस साल 8 अक्टूबर या 9 अक्टूबर, किस दिन से दुर्गा पूजा के उत्सव का आरंभ हो रहा है।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Oct 1, 2024 09:49
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Durga puja Garba Night

Durga puja 2024: सनातन धर्म के लोगों के लिए शारदीय नवरात्रि के महापर्व का खास महत्व है, जिसका उत्सव 9 दिनों तक मनाया जाता है। हर साल शारदीय नवरात्रि का पर्व ऋतु के दौरान मनाया जाता है, जिसका आरंभ घट स्थापना के साथ होता है। नवरात्रि के 9 दिनों के दौरान माता दुर्गा के 9 स्वरूपों की आराधना की जाती है। साथ ही व्रत रखना भी शुभ माना जाता है।

गुजरात और बंगाल में नवरात्रि के दौरान दुर्गा पूजा का उत्सव मनाया जाता है। बंगाली समुदाय के लोगों के लिए दुर्गा पूजा के उत्सव का खास महत्व है। चलिए जानते हैं इस बार दुर्गा पूजा के उत्सव का आरंभ कब से हो रहा है।

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दुर्गा पूजा कब से शुरू हो रहा है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, दुर्गा पूजा के उत्सव का आरंभ शारदीय नवरात्रि की षष्ठी तिथि से होता है, जिसका समापन विजयदशमी के दिन सिंदूर खेला के साथ होता है। इस बार शारदीय नवरात्रि की षष्ठी तिथि 9 अक्टूबर 2024 को पड़ रही है, जिसका समापन 12 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन होगा। इससे पहले 8 अक्टूबर 2024 को बिल्व निमंत्रण का पर्व मनाया जाएगा।

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कल्परंभ

दुर्गा पूजा के उत्सव की शुरुआत कल्परंभ की पूजा के साथ होती है, जिसका पर्व 9 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। इस दिन माता दुर्गा, देवी सरस्वती, धन की देवी मां लक्ष्मी, भगवान कार्तिकेय और गणेश जी की पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपने घरों में मां दुर्गा की प्रतिमा से पर्दा हटाते हैं।

नवपत्रिका पूजा

10 अक्टूबर 2024 को नवपत्रिका पूजा की जाएगी। इस शुभ दिन मां दुर्गा की पूजा करने के साथ-साथ केला, कच्ची, हल्दी, अनार, अशोक, मनका, धान, बिल्व और जौ के एक-एक पत्तियों को एक साथ बांधकर उसकी पूजा की जाती है, जिसे महास्नान कहा जाता है।

संधि पूजा

11 अक्टूबर को संधि पूजा का पर्व मनाया जाएगा। इस दिन मां दुर्गा की पूजा करना शुभ होता है।

महानवमी

दुर्गा पूजा के आखिरी दिन विजयदशमी पर सिंदूर खेला का पर्व मनाया जाता है। 12 अक्टूबर 2024 को महानवमी की पूजा की जाएगी। साथ ही माता को शहद, दही और दूध का भोग लगाया जाता है। सिंदूर खेला के दौरान महिलाएं मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित करती हैं। फिर एक-दूसरे को सिंदूर लगाती हैं।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Written By

Nidhi Jain

First published on: Oct 01, 2024 09:49 AM

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