Home Vastu Tips: वास्तु शास्त्र में घर की हर दिशा का अपना महत्व होता है. इनमें से दक्षिण-पश्चिम दिशा, जिसे ‘नैऋत्य दिशा’ भी कहा जाता है, घर के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है. गलत तरीके से इस दिशा का उपयोग करने से नकारात्मक ऊर्जा बढ़ सकती है और आर्थिक या स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां आ सकती हैं. आइए जानते हैं, इस कोने में पेड़-पौधे क्यों नहीं लगाने चाहिए और कौन-से काम नहीं करने चाहिए?
दक्षिण-पश्चिम दिशा में पौधे रखना क्यों है अशुभ?
दक्षिण-पश्चिम कोने में पौधे रखना वास्तु अनुसार अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से घर में आर्थिक तंगी या स्थिरता की कमी हो सकती है. यहाँ भारी, हरे या कांटेदार पौधे रखने से ऊर्जा असंतुलित होती है. यदि आप हरियाली रखना चाहते हैं, तो छोटे पॉट और घर के अन्य कोनों जैसे पूर्व या ईशान कोण में पौधे रखें.
खिड़की और दरवाजे की स्थिति
दक्षिण-पश्चिम दिशा में खिड़की और दरवाजा बिल्कुल नहीं होना चाहिए. खुला कोना नकारात्मक ऊर्जा के लिए रास्ता बना सकता है. यदि दरवाजा या खिड़की बनवाना यदि बेहद जरूरी है, तो हनुमान जी की मूर्ति वहां रखें और उनकी दृष्टि दक्षिण की ओर रखें. यह राहु और नकारात्मक प्रभाव को शांत करता है.
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दक्षिण-पश्चिम कोने में क्या बनाएं?
- स्टोर रूम: इस कोने में भारी सामान रखने से स्थिरता और सुरक्षा बनी रहती है.
- गृहस्वामी का कमरा: घर के मालिक का कमरा दक्षिण-पश्चिम में होने से परिवार में नेतृत्व और सम्मान बढ़ता है.
वास्तु शास्त्र के अनुसार, इस कोने को हमेशा भरा और व्यवस्थित रखना चाहिए, क्योंकि खाली कोना नकारात्मक ऊर्जा पैदा करता है.
इस कोने में न बनवाएं ये चीजें
शौचालय: दक्षिण-पश्चिम में शौचालय या बाथरूम बनवाने से पितृ दोष और नकारात्मक प्रभाव बढ़ते हैं.
मंदिर: इस दिशा में मंदिर बनाने से बचें; ईश्वरीय ऊर्जा मुख्य रूप से ईशान कोण यानी उत्तर-पूर्व से प्रवेश करती है.
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है और केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.










