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Lohri 2026 Date: लोहड़ी कब है? जानें पतंगबाजी और तिलवा-लाई त्योहार की सही डेट, महत्व और सूर्य पूजा का मुहूर्त

Lohri 2026 Date: लोहड़ी या मकर संक्रांति साल 2026 का पहला सबसे बड़ा त्योहार है. इस दिन से सूर्य उत्तरायण होते हैं. आइए जानते हैं, पतंगबाजी, खिचड़ी, चूरा-दही और तिलवा-लाई जैसे पारंपरिक व्यंजनों के स्वाद का यह उत्सव 2026 में कब है? जानिए, इस त्योहार की सही डेट, महत्व और सूर्य पूजा का मुहूर्त.

Author Written By: Shyamnandan Updated: Dec 20, 2025 11:19
Lohri-2026-Date

Lohri 2026 Date: लोहड़ी उत्तर भारत का एक प्रमुख और उत्साह से भरा त्योहार है, जिसे हर नए साल में पहले सबसे बड़े पर्व के रूप में मनाया जाता है. ज्योतिषीय दृष्टि से यह समय बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि इस दौरान सूर्य दक्षिणायन से अपनी यात्रा पूरी कर मकर राशि में गोचर उत्तरायण यात्रा शुरू करते हैं. इसी के साथ खरमास (अशुभ समय) का अंत होता है और शुभ कार्यों की शुरुआत हो जाती है.

धार्मिक महत्व के साथ-साथ लोहड़ी का गहरा संबंध भारतीय कृषि और किसानों की खुशहाली से भी है. लोहड़ी की रात को पवित्र अग्नि जलाई जाती है, जिसमें तिल, गुड़, रेवड़ी और मूंगफली अर्पित की जाती है. यह त्योहार कड़ाके की ठंड की विदाई और प्रकृति में आने वाले बदलाव का स्वागत करने का एक सुंदर जरिया है. यह पर्व आपसी मेलजोल, पतंगबाजी, खिचड़ी, चूरा-दही और तिलवा-लाई जैसे पारंपरिक व्यंजनों के स्वाद का उत्सव है. आइए जानते हैं, साल 2026 में लोहड़ी त्योहार की सही डेट, सूर्य पूजा का मुहूर्त और विधि क्या है?

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2026 में लोहड़ी कब है?

लोहड़ी हर साल तब मनाया जाता है, जब सूर्य धनु राशि से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं. यही कारण है कि इस त्योहार को ‘मकर संक्रांति’ भी कहते हैं. यह त्योहार हर साल पौष या पूस महीने में मनाया है. द्रिक पंचांग के अनुसार, साल 2026 में मकर संक्रांति या लोहड़ी त्योहार त्योहार 14 जनवरी को मनाया जाएगा.

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मकर संक्रांति मुहूर्त

ज्योतिषीय दृष्टि से मकर संक्रांति का सबसे महत्वपूर्ण वह समय होता होता है, जब सूर्य धनु से निकलकर मकर राशि में प्रवेश करते हैं, इसे ‘मकर संक्रांति क्षण’ (Makar Sankranti Moment) कहते हैं. साल 2026 में सूर्य दोपहर बाद 3 बजकर 13 मिनट पर मकर राशि में गोचर करेंगे.

सूर्य पूजा का मुहूर्त

लोहड़ी या मकर संक्रांति के दिन सूर्य पूजा का कोई एक निश्चित मुहूर्त न होकर एक पूरी अवधि होती है, जो सूर्योदय के साथ शुरू होकर सूर्यास्त पर समाप्त होती है. इसकी रात में उत्तर भारत विशेषकर, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कश्मीर, दिल्ली, उत्तराखंड आदि राज्यों में लोहड़ी की पवित्र आग जलाते हैं और स्त्री-पुरुष सभी भांगड़ा और गिद्धा पाते हैं.

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

First published on: Dec 20, 2025 11:19 AM

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