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Karwa Chauth Story: करवा चौथ का व्रत पहली बार किसने रखा था, जानें पौराणिक कथाएं और मान्यताएं

Karwa Chauth Story: करवा चौथ सुहागिन महिलाओं का एक सबसे महत्वपूर्ण व्रत है, जो वे पति की लंबी आयु के लिए रखती हैं। करवा चौथ के दिन महिलाएं पूरे दिन निर्जला व्रत रखकर चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं और छलनी के माध्यम से पति का दर्शन करती हैं। आइए जानते हैं, करवा चौथ से जुड़ी पौराणिक कथाएं क्या-क्या हैं?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Oct 19, 2024 13:57
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Karwa Chauth Story: हिन्दू धर्म में करवा चौथ सुहागिन महिलाओं का एक बड़ा त्योहार है। विवाहित महिलाएं अपने सुहाग की सलामती के लिए पूरे दिन निर्जला व्रत रखती हैं। फिर शाम में उगते हुए चांद को देखकर अर्घ्य देती हैं और पति का दर्शन एक छलनी के माध्यम से करती हैं। मान्यता है कि इस व्रत को रखने से करवा माता (देवी पार्वती का एक रूप) की कृपा से पति की आयु लंबी होती है। आइए जानते हैं, करवा चौथ 2024 कब है, करवा चौथ का व्रत पहली बार किसने रखा था और जानिए इससे जुड़ी पौराणिक कथाएं और मान्यताएं क्या हैं?

करवा चौथ 2024 कब है?

करवा चौथ के दिन हर साल सुहागन महिलाएं अपने पति के लिए निर्जला उपवास रखती हैं। साथ ही संध्या काल में चांद को अर्घ्य देती हैं। इसके बाद अपने पति के हाथों से जल ग्रहण कर व्रत को तोड़ती है। पंचांग के अनुसार, साल 2024 में पुण्यदायी करवा चौथ का व्रत रविवार 20 अक्टूबर को रखा जाएगा। करवा चौथ को लेकर कई पौराणिक कथाएं भी प्रचलित हैं। आइए जानते हैं, पहला करवा चौथ का व्रत किसने रखा था?

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माता पार्वती को हुई अखंड सौभाग्‍य की प्राप्ति

पौराणिक कथाओं के मुताबिक, करवा चौथ का व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने रखा था। पर्वतराज हिमालय और देवी मैनावती की पुत्री पार्वती ने नारद जी की सलाह पर भगवान शिव पति के रूप में पाने के लिए घनघोर तपस्या की थी। लेकिन शिवजी न तो प्रसन्न हो रहे थे और न ही दर्शन दे रहे थे। तब माता पार्वती ने कार्तिक मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि निर्जला उपवास रखकर शिव-साधना की थी। कहते इसी व्रत से उन्‍हें अखंड सौभाग्‍य की प्राप्ति हुई थी। इसीलिए सुहागिनें अपने पतियों की लंबी उम्र की कामना से यह व्रत करती हैं और देवी पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं।

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स्वर्ग की देवियों ने रखा था व्रत

एक पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार देवताओं और दानवों के बीच भीषण युद्ध छिड़ा था। सभी देवियां बेहद चिंतित थीं। वे ब्रह्मदेव के पास पहुंचीं और ब्रह्मदेव से अपनी पतियों की रक्षा के लिए सुझाव मांगा था। कहते हैं, तब ब्रह्मा जी देवियों को कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को व्रत रखने की सलाह दी थी। बाद में यह तिथि करवा चौथ के रूप में प्रचलित हुई।

माता सीता ने किया था करवा चौथ उपवास

करवा चौथ व्रत के दिन उपवास का संबंध रामायण काल से भी जुड़ा हुआ बताया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक माता सीता ने भगवान श्री राम के लिए करवा चौथ का व्रत रखा था। माता सीता ने अपने पति के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया था।

महाभारत काल में द्रौपदी ने रखा था व्रत

द्रौपदी सभी पांडव भाइयों और परिवार से बेहद प्रेम करती थी। महाभारत का युद्ध शुरू होने से कुछ समय पहले की बात है। एक दिन द्रौपदी ने भगवान श्रीकृष्‍ण से पांडवों के संकट से उबरने का उपाय पूछा था। तब उन्होंने उन्‍हें कार्तिक माह की चतुर्थी तिथि के दिन करवा का व्रत करने को कहा था। कहते हैं, माता करवा की कृपा से पांडव सकुशल बचे थे।

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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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Edited By

Shyam Nandan

First published on: Oct 15, 2024 06:44 AM

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