---विज्ञापन---

Kalashtami 2024: अप्रैल माह में कब होगी काल भैरव की पूजा, जानें शुभ तिथि, मुहूर्त और महत्व

Kalashtami 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार, कालाष्टमी का पर्व हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। बता दें कि इस दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि चैत्र माह में कालाष्टमी का व्रत कब है। साथ ही शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व क्या है।

Edited By : Raghvendra Tiwari | Updated: Mar 30, 2024 12:41
Share :
Kalashtami 2024

Kalashtami in April 2024: हिंदू धर्म में सभी पर्व और त्योहार किसी न किसी देवी-देवता से संबंध होता है। बता दें कि हर माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को कालाष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस समय चैत्र का महीना चल रहा है, इस माह में भी कालाष्टमी का पर्व मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, कालाष्टमी के दिन भगवान शिव के रौद्र रूप काल भैरव की पूजा की जाती है। मान्यता है जो लोग कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा और व्रत रखते हैं उनके जीवन में कभी भी किसी भी चीज की कमी नहीं होती है। साथ ही जीवन से सभी दुख और संकट दूर हो जाते हैं। तो आज इस खबर में जानेंगे कि चैत्र माह में कालाष्टमी का व्रत कब है, शुभ मुहूर्त क्या है और पूजा विधि क्या है।

कालाष्टमी पर्व का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, कालाष्टमी का पर्व चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 1 अप्रैल को रात 9 बजकर 9 मिनट पर होगी और समाप्ति अगले दिन यानी 2 अप्रैल दिन मंगलवार को रात 8 बजकर 8 मिनट पर होगी। कालाष्टमी के दिन काल भैरव की पूजा रात में की जाती है इसलिए कालाष्टमी का पर्व 1 अप्रैल को मनाया जाएगा।

कालाष्टमी 2024 की पूजा विधि

ज्योतिषियों के अनुसार, कालाष्टमी के दिन सुबह उठकर काल भैरव बाबा का ध्यान करें। काल भैरव का ध्यान करने के बाद स्नान कर निवृत हो जाएं। उसके बाद सूर्य देव को जल अर्पित करें। सूर्य देव को जल अर्पित करने के बाद चौकी पर कपड़ा बिछाकर काल भैरव बाबा की मूर्ति या फोटो स्थापित करें। फोटो या मूर्ति स्थापित करने के बाद बिल्व पत्र, फूल, फल, धतूरा और अन्य चीजें भी अर्पित करें। उसके बाद दीपक जलाएं और सच्चे मन से आरती करें। साथ ही भैरव कवच का पाठ भी करें। पाठ करने के बाद भैरव बाबा को विशेष चीजों का भोग लगाएं। रात्रि में कीर्तन जरूर करें। साथ ही अगले दिन विधि-विधान से पूजा पाठ करके व्रत खोलें।

कालाष्टमी पर्व का महत्व

कालाष्टमी का व्रत भगवान भैरव को प्रसन्न करने के लिए रखा जाता है। मान्यता है कि जो लोग कालाष्टमी के दिन काल भैरव की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करते हैं उनकी सारी मनोकामना पूर्ण हो जाती है। साथ ही जीवन में खुशियां ही खुशियां आती हैं। घर में सुख-शांति आती है। आर्थिक तंगी दूर हो जाती है। साथ ही काल भैरव बाबा प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद भी देते हैं।

यह भी पढ़ें- आज शनि देव इन राशियों को कराएंगे धनलाभ, बन जाएंगे सभी बिगड़े काम

यह भी पढ़ें- 8 अप्रैल को इन राशियों के जीवन में बड़े बदलाव के आसार, सूर्य ग्रहण का पड़ेगा असर

यह भी पढ़ें- अप्रैल के मध्य तक सूर्य के साथ रहेंगे शुक्र देव, तब तक ये 3 राशियों की रहेगी मौज

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी ज्योतिष पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने से पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।

HISTORY

Written By

Raghvendra Tiwari

First published on: Mar 30, 2024 12:41 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें