---विज्ञापन---

Janmashtami 2024: रात 12 बजे ऐसा खीरा काटना जरूरी! जानें वजह और महत्व

Janmashtami 2024: हर साल कृष्ण जी के जन्मोत्सव के उपलक्ष्य में जन्माष्टमी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन व्रत रखना और लड्डू गोपाल को उनकी प्रिय चीजों का भोग लगाना शुभ माना जाता है। हालांकि कृष्ण जन्माष्टमी व्रत की पूजा खीरा काटे बिना अधूरी होती है। चलिए जानते हैं इस दिन खीरा काटने के महत्व और वजह के बारे में।

Edited By : Nidhi Jain | Updated: Aug 23, 2024 15:43
Share :
Janmashtami 2024
जन्माष्टमी पर क्यों काटते हैं खीरा?

Janmashtami 2024: जन्माष्टमी का पर्व देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन को लोग भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में मनाते हैं। इस पावन दिन व्रत रखने के साथ-साथ भगवान कृष्ण की विधिपूर्वक पूजा करना शुभ माना जाता है। जन्माष्टमी के पूरे दिन लोग व्रत रखते हैं और रात में 12 बजे अपना व्रत खोलते हैं। इसलिए कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा रात 12 बजे की जाती है।

हर साल कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व भाद्रपद मास में आने वाली कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के दिन मनाया जाता है। हालांकि रात 12 बजे एक खास परंपरा भी की जाती है, जिसके बिना श्रीकृष्ण की पूजा को अधूरा माना जाता है। चलिए जानते हैं इसी खास रिवाज के बारे में, जिसका समापन रात 12 बजे खीरा काटकर किया जाता है।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें- Janmashtami 2024: कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत भी बना सकता है पाप का भागी, प्रेमानंद महाराज से जानें नियम

Janmashtami 2024

---विज्ञापन---

जन्माष्टमी पर खीरा क्यों काटते हैं?

जिस प्रकार बच्चे का जन्म उसकी मां की कोख से होता है और जन्म के बाद मां के गर्भाशय से बच्चे से जुड़ी गर्भनाल को काट के अलग कर दिया जाता है। ठीक उसी तरह जन्माष्टमी के दिन रात में खीरे से लड्डू गोपाल का जन्म होता है।

जन्माष्टमी के दिन सुबह-सुबह डंठल वाले खीरे में लड्डू गोपाल को रख दिया जाता है। रात में जैसे ही 12 बजते हैं, उसी समय खीरे को सिक्के की मदद से काटकर उसके अंदर से लड्डू गोपाल को निकाला जाता है। खीरे से लड्डू गोपाल के जन्म होने की इस प्रक्रिया को देश के कई राज्यों में नाल छेदन नाम से भी जाना जाता है।

प्रसाद के रूप में बांटा जाता है खीरा

नाल छेदन के बाद कृष्ण जी की आरती की जाती है। लोगों के बीच प्रसाद बांटा जाता है और उस खीरे को कृष्ण जी को अर्पित किया जाता है। कुछ देर बाद उस खीरे को प्रसाद के रूप में भक्तों के बीच बांट दिया जाता है।

जन्माष्टमी की पूजा का शुभ मुहूर्त

वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि का आरंभ रविवार 25 अगस्त को शाम 6:09 मिनट से हो रहा है, जिसका समापन अगले दिन सोमवार को शाम 4:49 पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के आधार पर इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का व्रत 26 अगस्त को रखा जाएगा। इस खास दिन रात 12 बजकर 1 मिनट से लेकर 12 बजकर 45 मिनट तक भगवान कृष्ण की पूजा करने का शुभ मुहूर्त है।

ये भी पढ़ें- Janmashtami 2024: श्री कृष्ण को राशि अनुसार अर्पित करें ये चीजें, सफलता चूमेगी कदम!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Edited By

Nidhi Jain

First published on: Aug 23, 2024 03:43 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें