Hariyali Teej 2024: इस साल हरियाली तीज का पर्व बुधवार 7 अगस्त को मनाया जा रहा है। यह त्योहार विशेष रूप से मां पार्वती और भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन मां पार्वती ने कठोर तपस्या के बाद भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया था। यह पर्व उनके पुनर्मिलन का प्रतीक है। इसलिए विवाहित महिलाएं अपने सुहाग की लंबी उम्र और कुंवारी कन्याएं मनचाहा वर पाने की कामना से यह व्रत रखती हैं।
मां पार्वती को भोग
हरियाली तीज के शुभ अवसर पर महिलाएं शिव-पार्वती की विधिवत पूजा करती हैं और उनसे सौभाग्य का आशीर्वाद मांगती हैं। इस दिन माता पार्वती को कई प्रकार के भोग लगाने की परंपरा है। आइए जानते हैं, सुहाग की पूजा के बाद मां पार्वती सहित भगवान शिव को किन 5 चीजों का भोग लगाना शुभ माना गया है और वे शीघ्र प्रसन्न हो मनोकामनाओं की पूर्ति करती हैं और अखंड सौभाग्यवती होने का आशीर्वाद देती हैं।
खीर का भोग
हरियाली तीज के दिन भगवान शिव और माता पार्वती को खीर का भोग अवश्य लगाना चाहिए। खीर का भोग लगाने से घर में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। मां पार्वती की कृपा से जीवन में खुशहाली आती है और पति की आयु लंबी होती है। बता दें, हिन्दू परंपरा में खीर को शुद्धता और समृद्धि का प्रतीक माना गया है।
मेवा का भोग
माता पार्वती और भगवान शिव को मेवों का भोग लगाएं। मेवे को शुभ और पौष्टिक माना जाता है और इन्हें देवी-देवताओं को चढ़ाना शुभ माना गया है। कहते हैं, मां पार्वती को मेवा का भोग लगाने से महिलाओं को सुंदरता और यौवन की प्राप्ति होती है।
मालपुआ का भोग
हरियाली तीज के दिन माता पार्वती को मालपुआ का भोग लगाने का विशेष महत्व है। हरियाली तीज पर सुहागिनें मालपुआ का भोग लगाएं, इसे सर्वोत्तम कहा गया है। मालपुआ का भोग लगाने से दांपत्य जीवन में मधुरता आती है। मां पार्वती से पति की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मांगती हैं।
घेवर का भोग
हरियाली तीज के दिन मां पार्वती को घेवर का भोग लगाने का विशेष महत्व है। हरियाली तीज पर शिव-पार्वती को घेवर का भोग लगाकर इसे सभी को बांटने से काफी पुण्य की प्राप्ति होती है।
गुझिया का भोग
गुझिया माता पार्वती का एक प्रिय भोग है। हरियाली तीज के दिन उन्हें गुझिया का भोग लगाने से कई लाभ मिलते हैं। संतान प्राप्ति की इच्छा रखने वाली महिलाएं गुझिया का भोग लगाकर मां पार्वती से संतान सुख की प्राप्ति की कामना करती हैं।
ये भी पढ़ें: मां से मिली उपेक्षा…गुरु से शाप और इंद्र से छल, जानें कर्ण से जुड़ी अनसुनी कहानियां
ये भी पढ़ें: महाभारत का पूरा युद्ध देखने वाले बर्बरीक कलियुग में कैसे बने कृष्ण के अवतार खाटू श्याम? जानें अद्भुत कहानी
डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।