---विज्ञापन---

वट सावित्री व्रत और वट सावित्री पूर्णिमा में अंतर, जानें कौन-सा व्रत है अधिक फलदायी

Vat Savitri Purnima 2024: वट सावित्री पूर्णिमा और वट सावित्री व्रत को लेकर लोगों में हमेशा एक कंफ्यूजन बना रहता है कि दोनों में क्या अंतर है और कौन-सा अधिक सही और फलदायी है। आइए दूर करते हैं यह उलझन और जानते हैं दोनों व्रतों में अंतर।

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Jun 10, 2024 11:22
Share :
Vat-Savitri-Purnima-2024

Vat Savitri Purnima 2024: वट सावित्री व्रत और वट सावित्री पूर्णिमा, ये दोनों ही व्रत सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु, उत्तम स्वास्थ्य और सौभाग्य के लिए करती हैं। दोनों ही व्रत ज्येष्ठ महीने में पड़ते हैं, इस कारण से बहुत लोगों को कंफ्यूजन होता है कि कौन-सा व्रत सही और अधिक फलदायी है? आइए जानते हैं, वट सावित्री व्रत और वट सावित्री पूर्णिमा में क्या अंतर है और कौन-सा व्रत अधिक फलदायी है?

वट सावित्री व्रत

सनातन पंचांग के अनुसार, वट सावित्री व्रत ज्येष्ठ माह की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है, जो इस साल 6 जून को थी। इस व्रत का संबंध सावित्री-सत्यवान की कथा से है, जिसके बारे में पौराणिक मान्यता है कि ज्येष्ठ की अमावस्या के दिन सावित्री ने यमराज से अपने पति के प्राण वापस करवाए थे।

---विज्ञापन---

वट सावित्री पूर्णिमा कब है?

यह व्रत ज्येष्ठ माह की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। यह व्रत भी वट सावित्री व्रत के समान है। इसकी विधियां और रिवाज भी लगभग वट सावित्री व्रत की तरह हैं, अंतर केवल तिथि को लेकर हैं। इन दोनों व्रतों में 15 दिन का अंतर होता है, जो इस साल यह व्रत 21 जून, 2024 को पड़ रही है।

दोनों व्रत में अंतर

वट सावित्री व्रत और वट सावित्री पूर्णिमा व्रत के महत्व और मुख्य पूजा विधि में कोई विशेष अंतर नहीं है और न ही उनके फलों और प्रभावों में कोई खास फर्क है। अंतर तिथियों और क्षेत्रों को लेकर है, जिसकी वजह हिन्दू पंचांग में अमांत और पूर्णिमांत के प्रति लोगों की आस्था। उत्तर भारतीयों राज्यों, जैसे- उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, हरियाणा, राजस्थान, पंजाब आदि में पूर्णिमांत पंचांग (कैलेंडर) का इस्तेमाल होता है। वहीं, पश्चिम भारत और दक्षिण भारतीयों प्रदेशों में अमांत कैलेंडर अधिक पचलित है।

---विज्ञापन---

अमांत और पूर्णिमांत पंचांग क्या है?

अमांत और पूर्णिमांत पंचांग यानी कैलेंडर की पहेली थोड़ी उलझी हुई है और यह आस्था का विषय है। शुक्ल पक्ष प्रतिपदा (महीने की पहली तारीख) से अमावस्या को अंत होने वाले महीने को अमांत और कृष्ण पक्ष प्रतिपदा से पूर्णिमा को समाप्त होने वाले महीने को पूर्णिमांत कहते हैं। उत्तर भारत में जहां पूर्णिमांत कैलेंडर अधिक प्रचलित हैं, वहीं पश्चिम सहित दक्षिण भारत में अमांत पंचांग अधिक मान्य है।

ये भी पढ़ें: सोमवार को करें ये 5 उपाय, शिव कृपा से अटके हुए काम में होगी प्रगति, शीघ्र पूरे होंगे सारे कार्य

ये भी पढ़ें: मीन राशि के लिए 4 बेस्ट करियर ऑप्शन, जहां पा सकते धन और प्रतिष्ठा, दे सकते हैं बेस्ट कंट्रीब्यूशन

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित हैं और केवल जानकारी के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।

HISTORY

Edited By

Shyam Nandan

First published on: Jun 10, 2024 11:22 AM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें