Dhanteras Katha 2024: धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन मनाया जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, इस बार धनतेरस का पर्व आज यानी 29 अक्टूबर 2024 को मनाया जाएगा। आज धन की देवी माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर जी और आयुर्वेद के देवता धन्वंतरि भगवान की पूजा की जाती है। इसी के साथ सोने-चांदी के आभूषण, कपड़े और बर्तन आदि की खरीदारी करना शुभ होता है।
हालांकि धनतेरस पर माता लक्ष्मी को समर्पित एक कथा सुनना व पढ़ना जरूरी होता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन यदि कोई व्यक्ति सच्चे मन से मां लक्ष्मी की कथा का पाठ करता है, तो उसका घर सदा खुशियों और पैसों से भरा रहता है। चलिए अब जानते हैं धनतेरस से जुड़ी कथा के बारे में।
मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने वाली कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार विष्णु जी और मां लक्ष्मी पृथ्वी लोक पर भ्रमण करने के लिए आए थे। इस बीच विष्णु जी को कुछ काम याद आ गया, जिसके बाद वो दक्षिण दिशा की ओर चले गए। माता लक्ष्मी वहीं रुक के विष्णु जी का इंतजार कर रही थीं। बहुत देर हो गई, लेकिन विष्णु जी नहीं आए, जिसके बाद माता लक्ष्मी भी उसी रास्ते की तरफ चलने लगी। काफी देर तक चलने के बाद माता रानी को गन्ने का खेत दिखा। उन्हें बहुत भूख लग रही थी, तो उन्होंने गन्ना तोड़ा और उसे खाने लगीं।
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मां लक्ष्मी को गन्ना खाते देख भगवान विष्णु क्रोधित हुए और उन्होंने माता को श्राप देते हुए कहा, ‘तुमने जिस किसान के खेत का गन्ना तोड़कर खाया है। उसका भार उतारने के लिए तुम्हें उस किसान की 12 साल तक सेवा करनी होगी।’ लगातार 12 साल तक माता लक्ष्मी ने उस किसान की सेवा की।
12 साल बाद जब विष्णु जी लक्ष्मी जी को लेने आए, तो उन्होंने किसान को दरवाजे पर ही रोक दिया। विष्णु जी ने किसान और उसके पूरे परिवार को गंगा स्नान और कौड़ियां को गंगा में अर्पित करने का उपाय बताया। किसान ये उपाय करने के लिए घाट जा ही रहा था कि इस बीच माता गंगा उसे मिल गई और किसान को बताया कि तुम्हारे घर में मां लक्ष्मी रह रही थी, जो अब वापस जा रही हैं।
किसान वापस घर गया, तो उसने विष्णु जी और मां लक्ष्मी से जाने के लिए मना किया। तब देवी-देवताओं ने उन्हें श्राप के बारे में बताया। साथ ही कहा, ‘यदि आप चाहते हो कि मैं सदा आपके घर पर रहूं, तो आप धनतेरस पर मेरी पूजा करें और व्रत रखें।’ किसान हर साल पूरी निष्ठा से धनतेरस का व्रत करने के साथ देवी की पूजा किया करता था, जिसके बाद उसे कभी भी पैसों की कमी का सामना नहीं करना पड़ा।
धार्मिक मान्यता के अनुसार, जो लोग सच्चे मन से हर साल धनतेरस पर इस कथा को पढ़ते हैं, उन्हें जीवन में कभी पैसों की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है। साथ ही घर-परिवार में सुख-शांति का वास होता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है।