---विज्ञापन---

Dhanteras 2024: धन्वंतरि कौन थे, क्यों कहलाते हैं आयुर्वेद के जनक, धनतेरस से क्या संबंध है; जानें सब कुछ!

Dhanteras 2024: पौराणिक मान्यता के अनुसार, समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि यानी धनतेरस के दिन भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। इस दिन उनकी पूजा करने से स्वास्थ्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है। आइए जानते हैं, धन्वंतरि कौन थे और वे आयुर्वेद के जनक क्यों कहलाते हैं?

Edited By : Shyam Nandan | Updated: Oct 21, 2024 16:55
Share :
Bhagwan-Dhanvantari

Dhanteras 2024: हिन्दू परंपरा में दिवाली एक 5 दिवसीय त्योहारों की श्रंखला है। धन, सौभाग्य, समृद्धि और रोशनी के इस पर्व की शुरुआत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि के दिन ‘धनतेरस’ त्योहार से होती है। धन और सौभाग्य से जुड़े होने कारण इसे ‘धन त्रयोदशी’ भी कहते हैं। साथ ही इस दिन भारतीय चिकित्सा विज्ञान ‘आयुर्वेद के जनक’ भगवान धन्वंतरि की पूजा भी जाती है। आइए जानते हैं, भगवान धन्वंतरि कौन हैं, उनका धनतेरस से क्या संबंध है और वे आयुर्वेद के जनक क्यों कहलाते हैं?

धनतेरस से क्या संबंध है?

कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि यानी धन त्रयोदशी या धनतेरस पर सबको धन-धान्य देने वाली मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर देव की पूजा का विधान है। पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि हुई थी। यही कारण है कि धन त्रयोदशी के दिन भगवान धन्वंतरि का प्राकट्य-दिवस यानी  जन्म उत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। मान्यता है इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा से व्यक्ति निरोग ओर सुखी रहता है।

---विज्ञापन---

ये भी पढ़ें: Hast Rekha: हथेली का यह खास निशान देता है अपार धन, नहीं होती है लव मैरिज में कोई परेशानी!

भगवान धन्वंतरि कौन हैं?

पुराणों के अनुसार, जगत के पालनकर्ता श्रीहरि भगवान विष्णु के कुल 24 अवतार हुए हैं. इन 24 अवतारों में से भगवान धन्वंतरि उनके 12वें अवतार माने गए हैं। वहीं पौराणिक कथाओं के अनुसार, देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया था। इस मंथन से कई अद्भुत वस्तुएं निकलीं, जिसमें से 13वें रत्न के रूप में भगवान धन्वंतरि प्रकट हुए थे। कहते हैं कि वे एक कलश के साथ उत्पन्न हुए थे, जो समुद्र मंथन से निकला 14वां रत्न अमृत था।

---विज्ञापन---

क्यों कहलाते हैं आयुर्वेद का जनक?

भारतीय चिकित्सा ग्रंथों में भगवान धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता माना गए है। जब वे समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, तो उनके हाथ में अमृत कलश के साथ ही एक औषधि पुस्तक भी थी। कहते हैं, उनकी औषधि की इस पुस्तक में संसार में एक भी ऐसी वस्तु नहीं बची है, जिसका उल्लेख और रोग उपचार में उपयोग का जिक्र न हुआ हो। आयुर्वेद में भगवान धन्वंतरि का अतुलनीय योगदान है। मान्यता है कि उन्होंने आयुर्वेद के मूल सिद्धांतों को स्थापित किया था। यही कारण है कि उनको आयुर्वेद का जनक कहा जाता है।

ये भी पढ़ें: Chhath Puja 2024: इन 9 चीजों के बिना अधूरी रहती है छठ पूजा, 5वां आइटम है बेहद महत्वपूर्ण!

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक शास्त्र की मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है

HISTORY

Edited By

Shyam Nandan

First published on: Oct 21, 2024 04:55 PM

Get Breaking News First and Latest Updates from India and around the world on News24. Follow News24 on Facebook, Twitter.

संबंधित खबरें