Chandra Darshan 2024: सनातन परंपरा में अमावस्या के अगले दिन को चंद्र दर्शन दिवस कहा जाता है। पंचांग के अनुसार, यह शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा यानी पहली तिथि को मनाया जाता है। धार्मिक ग्रंथों के मुताबिक शुक्ल प्रतिपदा को चंद्रमा का दर्शन करना विशेष लाभकारी होता है। बता दें, इस दिन चंद्रमा बहुत कम समय के लिए दिखाई देता है। इसे सूर्यास्त के तुरंत बाद ही देखा जा सकता है, अन्यथा यह भी अस्त हो जाता है। ज्योतिष शास्त्र में चंद्रमा को ‘ग्रहों की रानी’ बताया गया। कुंडली में चंद्रमा का मजबूत यानी अच्छी स्थिति में होना चाहिए। यह को मन को नियंत्रित करता है। यह माता का भी करक ग्रह है। आइए जानते हैं, चंद्रमा को बली करने के लिए चंद्र दर्शन दिवस की शाम को किए जाने वाले कुछ खास उपाय।
पंच फल अर्पण
कुंडली में पीड़ित चंद्रमा को बली करने एक लिए चंद्र दर्शन की संध्या में उदित होते हुए चंद्रमा को ‘पंच’ यानी पांच फल अर्पित करें। ये सभी मौसमी और रसदार होने चाहिए और प्रत्येक फल को बारी-बारी से अर्पण करना चाहिए। फल अर्पण करते समय “ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चन्द्रमसे नमः” (Om Shraam Shreem Shraum Sah Chandramase Namah) मंत्र का शुद्धता से उच्चारण करना चाहिए। मान्यता है कि इससे चंद्र दोष से शीघ्र ही मुक्ति मिल जाती है।
दुग्ध अर्घ्यम
चंद्र दर्शन की शाम में चंद्रमा को सफेद गाय के दूध का अर्घ्य देने चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि सफेद वस्तुओं में चंद्रमा का वास होता है। सफेद गाय के दूध का अर्घ्य देने के लिए चांदी के पात्र उपयोग और भी लाभकारी माना गया है।
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क्षीर भोगम
चंद्र दोष के कारण मन अशांत रहता है और इससे मानसिक विकार भी हो सकते हैं। इससे मुक्ति के लिए चंद्र दर्शन दिवस की शाम में चंद्रमा को सफेद अरवा चावल और सफेद गाय के दूध से बने क्षीर यानी खीर का भोग लगाने से लाभ होता है।
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डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है। News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी उपाय को करने या सुझाव को अमल में लाने पहले संबंधित विषय के एक्सपर्ट से सलाह अवश्य लें।