Banke Bihari Temple: देशभर में भगवान श्रीकृष्ण को समर्पित कई प्राचीन और प्रसिद्ध मंदिर स्थित हैं। खासतौर पर मथुरा में आपको श्रीकृष्ण के विभिन्न मंदिर देखने को मिल जाएंगे, जिनका रहस्य आज भी इतिहास के पन्नों में गुम है। वृंदावन के मथुरा में बांके बिहारी जी का मंदिर स्थित है, जो विभिन्न रहस्यों से भरा हुआ है। यहां बांके बिहारी के दर्शन करने के लिए देश से ही नहीं विदेश से भी लोग आते हैं। माना जाता है कि बांके बिहारी अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते हैं।
बांके बिहारी मंदिर में एक भी घंटी नहीं है। यहां तक कि यहां पर घंटी बजाने की इजाजत भी नहीं है। मंदिर परिसर में ऊंची आवाज में आरती भी नहीं की जाती है। इसके अलावा समय-समय पर बांके बिहारी के सामने पर्दा कर दिया जाता है। आज हम आपको इसी के पीछे के कारण के बारे में बताने जा रहे हैं कि क्यों बांके बिहारी मंदिर में घंटी नहीं बजाई जाती है।
इस कारण मंदिर में नहीं है एक भी घंटी
पौराणिक कथाओं के अनुसार, बांके बिहारी मंदिर में श्रीकृष्ण बाल स्वरूप में विराजमान हैं। जिस प्रकरा छोटे बच्चे के आसपास तेज आवाज में बात नहीं की जाती है, क्योंकि वो आवाज से डरने लगता है। ठीक उसी प्रकार इस मंदिर में बांके बिहारी का ध्यान बच्चे की तरह रखा जाता है।
माना जाता है कि यदि बांके बिहारी मंदिर में घंटियां होंगी, तो उनकी आवाज से भगवान को परेशानी हो सकती है। केवल इसी वजह से मंदिर में घंटियां नहीं लगाई गई हैं। इसके अलावा तेज-तेज बोलने और आरती करने की भी मंदिर परिसर में मनाही है। बता दें कि लंबे समय से चली आ रही इस परंपरा का पालन मंदिर में आने वाला हर भक्त सच्चे मन से करता है। आज तक किसी भी भक्त ने इस परंपरा को तोड़ा नहीं है।
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बांके बिहारी मंदिर से जुड़े रहस्य
बता दें कि बांके बिहारी का मंदिर रहस्यों से घिरा हुआ है। बांके बिहारी मंदिर में साल में केवल एक बार लड्डू गोपाल जी के जन्मदिन पर मंगला आरती होती है। लड्डू गोपाल जी के जन्मदिन के दिन ही सिर्फ भगवान बांके बिहारी जी के चरणों, बांसुरी और मुकुट के दर्शन होते हैं। इसके अलावा बांके बिहारी के सामने समय-समय पर पर्दा किया जाता है, ताकी वो किसी भक्त से मोहित होकर उनके साथ न चले जाएं।
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