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Aarti Chalisa

Dattatreya Bhagwan Chalisa: दत्तात्रेय चालीसा के पाठ से मिलेगा त्रिदेवों का आशीर्वाद, यहां पढ़ें लिरिक्स । Dattatreya Chalisa Lyrics in Hindi

Dattatreya Bhagwan Chalisa Lyrics: दत्तात्रेय भगवान को प्रसन्न करने और आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दत्तात्रेय चालीसा का पाठ करना चाहिए. दत्तात्रेय भगवान के चालीसा का पाठ करने से शत्रुओं से सुरक्षा मिलती है और घर-परिवार में सुख-शांति रहती है. आप यहां पर दत्तात्रेय चालीसा के लिरिक्स पढ़ें सकते हैं.

Author Written By: Aman Maheshwari Updated: Nov 30, 2025 20:09
Dattatreya Bhagwan Chalisa
Photo Credit - Social Media

Dattatreya Chalisa Lyrics in Hindi: ब्रह्मा, विष्णु और महेश का एकीकृत स्वरूप भगवान दत्तात्रेय को प्रसन्न कर तीनों देवों का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं. भगवान दत्तात्रेय को प्रसन्न कर पूजा-अर्चना के साथ ही चालीसा का पाठ करना चाहिए. दत्तात्रेय भगवान के चालीसा के पाठ से भक्तों को ज्ञान और आध्यात्मिक उन्नति की प्राप्ति होती है. आपको चालीसा का पाठ करने से पहले स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहनने चाहिए. सुबह पूजा के समय और संध्या की पूजा के समय चालीसा का पाठ करना शुभ होता है.

भगवान दत्तात्रेय चालीसा (Dattatreya Chalisa Lyrics)

दत्तगुरु के चरणों में,
मेरा कोटि प्रणाम ।

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रक्षा करो हे दत्त प्रभु,
रख लो अपनी शरण ।।

रक्षा करो हे दत्त प्रभु,
रख लो अपनी शरण ।।

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जयति जयति दत्तात्रेय,
स्वामी दिगम्बर जय ।

आदि ब्रह्मा, मध्यम विष्णु,
देवा महेश्वर जय ।।

जयति जयति त्रिमूर्ति रूप,
भव बाधा हरते जय ।

सहज प्राप्ति हर हर जय,
शुभ फल सुख देते जय ।।

जयति जयति अनसूया नन्दन,
परम गम्भीर प्रभु जय ।

हर कृपा कर सरसिज पद,
भक्तों को सुख देते जय ।।

श्रीगणेश, श्रीशारदा,
लक्ष्मी सहित शिव जय ।

सतगुरु चरन, कमल सेवा,
भव निधि से त्राण कर जय ।।

सिर झुकाये, हाथ जोड़े,
करें भक्ति प्राण जय ।

त्रिभुवन में, प्रकट प्रभु दत्त,
ब्रह्मानन्द स्वरूप जय ।।

गुरु गम्भीर, कृपा सागर,
कर जोड़ों चरणारविन्द ।

शरणागत, रक्षण कर्ता,
रखों हमारी लाज प्रभु ।।

श्रीदत्तात्रेय प्रभु, कृपाकर,
सदा सहाय रहो प्रभु ।

भक्तिवान, दुःख से त्राण,
सदा सबन का करें कल्याण प्रभु ।।

कर भरोसा, मन में आस,
स्वामी सुखदाता जय ।

मति हमारी शुद्ध कर प्रभु,
दोष, दुष्कृत मिटा प्रभु ।

ध्यान लगायें, चित्त मनायें,
श्रीदत्त कृपा से प्रभु ।

भक्त गण, करें सुमिरन,
सदा सहाय हो प्रभु ।।

जयति जयति दत्तगुरु,
ब्रह्मानन्द दाता जय ।

अघनाशक, त्रिविक्रम देव,
ज्ञान भक्ति दो प्रभु ।

सुमिरन से भव-बन्धन, से
सदा मुक्त रहें प्रभु ।

त्रिविध ताप, मिट जायें प्रभु,
अन्त करण सुधीर हो प्रभु ।।

श्रीदत्त शरणं, मोक्ष सुलभ,
भव सागर से त्राण हो ।

भव-भय हारक, सतगुरु,
कष्ट निवारक हो प्रभु ।

शरणागत, मोक्ष प्रदायक,
सुलभ सरल करते प्रभु ।

करुणामय, सन्तत हर्षायें,
भव से मुक्ति हो प्रभु ।।

श्रीदत्तात्रेय शरणं,
भव बाधा हरण प्रभु ।

श्रीदत्तात्रेय शरणं,
पाप-ताप-त्रय हरण प्रभु ।

श्रीदत्तात्रेय शरणं,
मन में आस लगायें प्रभु ।

भक्तजन, करें स्मरण,
सदा सहाय हो प्रभु ।।

जयति जयति दत्तगुरु,
सर्व रोग हरते प्रभु ।

जयति जयति दत्तगुरु,
पाप-ताप निवारक प्रभु ।

जयति जयति दत्तगुरु,
करुणा कृपा निधान प्रभु ।

जयति जयति दत्तगुरु,
जगत तारन प्रभु ।।

डिस्क्लेमर: यहां दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है तथा केवल सूचना के लिए दी जा रही है. News24 इसकी पुष्टि नहीं करता है.

First published on: Nov 30, 2025 08:09 PM

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