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कौन थे जापान के ‘लैला मजनूं’, जिनकी लव स्टोरी मिसाल, उनकी याद में आज मनाते हैं ‘वैलेंटाइन डे’

Tanabata Festival of Japan: वैलेंटाइन डे पूरी दुनिया में 14 फरवरी को मनाया जाता है। मगर जापान में साल के सातवें महीने की 7 तारीख को विशेष तानाबाता फेस्टिवल मनाया जाता है, जो यहां का वैलेंटाइन डे माना जाता है। आइए जानते हैं इस दिन किस कपल की कहानी लोगों के लिए प्रेरणा बनती है।

Author Written By: Namrata Mohanty Author Edited By : Namrata Mohanty Updated: Jul 7, 2025 09:35

Tanabata Festival of Japan: जब भी प्यार की बात आती है, तो कपल्स के बीच एक दिन विशेष रूप से मनाया जाता है। यह दिन वैलेंटाइन का होता है। आमतौर पर पूरी दुनिया में 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाया जाता है लेकिन जापान में 7 जुलाई को यहां का विशेष वैलेंटाइन डे सेलिब्रेट किया जाता है। इस पर्व को तानाबाता फेस्टिवल कहा जाता है। तानाबाता का मतलब है ‘सितारों का त्योहार’। आज के दिन दो प्रेमियों को साल में एक बार अपने आपसे मिलने का मौका मिलता है। इसे जापान का पारंपरिक पर्व भी कहा जाता है। चलिए जानते हैं इस त्योहार के बारे में।

तानाबाता स्टार फेस्टिवल कब मनाते हैं?

तानाबाता को दो प्रेमियों की प्रेम कहानी के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। माना जाता है कि ये दो प्रेमी स्टार वेगा और अल्टेयर होते  हैं, जिन्हें साल में सिर्फ एक बार ही एक-दूसरे से मिलने का अवसर मिलता है। इसे चीनी कथा भी कहा जाता है, मगर जापानी के कैलेंडर के मुताबिक यह 7वें चंद्र महीने के 7वें दिन मनाया जाता है। इस वजह से इस त्योहार को कई जगहों पर 7 अगस्त के दिन मनाया जाता है। मगर आधुनिक कैलेंडर के अनुसार, 7 जुलाई ही इस पर्व का सही दिन होता है।

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क्या है तानाबाता की स्टोरी?

तानाबाता त्योहार की कथा एक चीनी किंवदंती से मिलती है। इसे 8वीं शताब्दी में जापान लाया गया था। कथा के अनुसार, एक राजकुमारी होती है, जिसका नाम ओरिहिमे होता जो एक दर्जिन थी। वे स्वर्गीय नदी के किनारे सुंदर कपड़े बुनने का काम करती थी। ओरिहिमे सुंदर कपड़े बुनने में बहुत मेहनत किया करती थी। मगर वह दुखी होती है क्योंकि उसे प्यार नहीं मिल पाता है। ओरिहिमे के पिता, स्वर्ग के देवता होते हैं, जो अपनी बेटी से बहुत प्यार करते थे। उन्होंने ओरिहिमे की मुलाकात हिकोबोशी से करवाई थी, जो गाय चराने का काम करता था और वह मिल्की वे के दूसरी तरफ रहता था।

हिकोबोशी और ओरिहिमे को तुरंत एक-दूसरे से प्यार हो गया था और दोनों ने शादी कर ली थी। मगर इनका प्यार इतना समर्पित और इतना गहरा हो गया था कि ओरिहिमे ने अपना पसंदीदा काम बुनाई करना बंद कर दिया था और हिकोबोशी ने भी अपनी गायों को स्वर्ग में घूमने के लिए छोड़ दिया था। इस बात से ओरिहिमे के पिता इतना गुस्सा हो गए कि उन्होंने दोनों को अलग कर दिया और दोनों को मिल्की वे के अलग-अलग पॉइंट्स पर रहने के लिए मजबूर कर दिया था। इसके पीछे उद्देश्य था कि प्रेम में लोग अपने कामों को करने से पीछे न हटे। अब वे दोनों सिर्फ 1 दिन यानी 7 जुलाई को मिलते हैं और बाकी दिन अपना काम करते हैं।

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बारिश होना क्यों जरूरी?

जापान में आज के दिन सभी लोग बारिश की कामना करते हैं। क्योंकि कथा के मुताबिक, आज जब दोनों सितारे मिलते हैं, तो बरसात होती है। अगर मौसम साफ रहता है, तो उनकी मुलाकात नहीं हो पाती है और उन्हें 1 और साल का इंतजार करना होता है। इसलिए, आज के दिन को जापानी वैलेंटाइन डे कहते हैं। यहां  जोजोजी मंदिर में लालटेन की सजावट होती है, ताकि वह तारों की भांति नजर आएं। वहीं, यह पर्व शाम के समय मनाया जाता है, इसलिए उनकी मदद से मंदिरों की रोशनी बढ़ जाती है और वह ज्यादा खूबसूरत दिखते हैं।

कैसे मनाते हैं यह त्योहार?

कागज की पट्टिया- आज के दिन प्रेमी जोड़े लोग रंग-बिरंगे कागज पर अपनी इच्छाएं, लिखते हैं और उन्हें बांस के पेड़ की टहनियों पर लटकाते हैं। इसके बाद इन पेड़ों को नदियों में बहा दिया जाता है। आज के दिन लोग अपने घरों या सार्वजनिक स्थलों पर बांस की डालियों को सजाते हैं। कागज से कई तरह की सुंदर सजावट बनाई जाती हैं जैसे स्टार्स, पंछी और बोट बनाते हैं।

जापान में आज के दिन कुछ जगहों पर त्योहार सेलिब्रेट करने के लिए विशेष झांकियां, नृत्य और संगीत के कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं। हालांकि, ये त्योहार प्रेमी जोड़ों का होता है लेकिन जापान में बच्चों के बीच भी यह पर्व मशहूर है।

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First published on: Jul 07, 2025 09:35 AM

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