भारतीय रसोईघरों में मिलने वाली दालचीनी का सेवन बेहद फायदेमंद होता है। इसके इस्तेमाल से कई बीमारियों की छुट्टी हो जाती है, लेकिन कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनके लिए यह खतरनाक साबित हो सकती है। दालचीनी का सेवन हर किसी के लिए फायदेमंद हो ये संभव नहीं है।
सबसे पहली बात तो किसी भी चीज का अधिक सेवन काफी नुकसानदायक होता है। वहीं, कुछ ऐसे लोग भी हैं, जिनको आयुर्वेद में दालचीनी का सेवन करने से मना किया गया है। आइए जानते हैं कि वे कौन से लोग हैं, जिनको दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।
गर्भवती महिलाएं
अष्टांग हृदयम् जैसे आयुर्वेद के ग्रंथों के अनुसार दालचीनी का सेवन गर्भाशय को उत्तेजित कर सकता है, जिससे गर्भपात या समय से पहले प्रसव का खतरा बढ़ जाता है। इस कारण बिना डॉक्टर के परामर्श के गर्भवती महिलाओं को दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए।
लिवर पेशेंट
दालचीनी में कूमारिन नामक तत्व होता है। भैषज्य रत्नावली के अध्याय 5 के अनुसार, इसका ज्यादा सेवन लिवर को नुकसान पहुंचा सकता है। हेपेटाइटिस, फैटी लिवर या लिवर सिरोसिस जैसी समस्या है, तो दालचीनी का सेवन लिवर टॉक्सिसिटी का कारण बन सकता है। लिवर पेशेंट को दालचीनी का सेवन करने से बचना चाहिए।
एसिडिटी वाले लोग
जिनको ज्यादा एसिडिटी होती है, उनको दालचीनी का सेवन नहीं करना चाहिए। चरक संहिता के अध्याय 17 के अनुसार, दालचीनी की तासीर गर्म होती है। इस कारण इसका ज्यादा सेवन एसिडिटी, पेट में जलन, आदि का कारण बनता है।
लो ब्लड प्रेशर वाले लोग
अष्टांग हृदयम आयुर्वेद ग्रंथ के अनुसार, दालचीनी का सेवन ब्लड वेसेल्स को रिलैक्स करता है। इससे ब्लड सर्कुलेशन कंट्रोल में रहता है। इस कारण अगर आपको लो ब्लड प्रेशर की समस्या है तो दालचीनी का सेवन आपके लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
सर्जरी वाले लोग
आयुर्वेद ग्रंथ भावप्रकाश निघंटु के अनुसार दालचीनी में खून को पतला करने का गुण होता है। जिनकी सर्जरी होने वाली हो या हाल ही में सर्जरी हुई हो, उनको दालचीनी नहीं खानी चाहिए। दालचीनी का सेवन खून को पतला करता है। इस कारण ब्लीडिंग होने का खतरा रहता है।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।
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