Nisha Madhulika: मेहनत एक दिन रंग लाती है, इस बात को सच साबित किया घर-घर में मशहूर यूट्यूबर निशा मधुलिका ने। निशा एक कुकिंग चैनल चलाती हैं, जहां उन्होंने 2300 वीडियोज शेयर किए हैं, जो कुकिंग बेस्ड हैं। उन्होंने अपने हर वीडियो में खाने बनाने की रेसिपी को इतनी सरलता, धीमी आवाज और स्टेप बाय स्टेप बताया है। उनका यही अंदाज लाखों लोगों को पसंद आता है। वे भारतीय महिला यूट्यूबर की लिस्ट में पहले स्थान पर हैं और आज करोड़पति बन चुकी हैं। आइए जानते हैं उनकी इंस्पायरिंग कहानी।
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अकेलापन दूर करने के लिए शुरू किया यूट्यूब
निशा 65 साल की हैं और मशहूर इंडियन कंटेंट क्रिएटर हैं। उनके चैनल का नाम Nisha Madhulika है। इनकी कहानी कुछ ऐसी है कि उन्होंने इस यूट्यूब चैनल को अपने अकेलेपन को भरने के लिए शुरू किया था। दरअसल, हुआ यूं था कि एक उम्र के बाद निशा के बच्चे पढ़ाई करने अलग-अलग शहरों में जाकर रहने लगे, जिसके बाद वह काफी अकेली और खाली रहने लगी थीं। साल 2009 में उन्होंने अपना कुकिंग चैनल इंट्रोड्यूज किया था और आज उनकी कुल संपत्ति 43 करोड़ रुपये बताई जाती है। उनके चैनल को 14.5 मिलियन लोगों ने सब्सक्राइब किया हुआ है। इसके अलावा, वह अन्य सोशल प्लेटफॉर्म्स पर भी हैं, वहां भी उनके फॉलोवर्स हजारों में हैं। निशा के यूट्यूब प्रोफाइल पर लिखा है कि “मेरा मिशन पौष्टिक और स्वास्थ्यवर्धक व्यंजनों के माध्यम से हर घर में खुशी और एकजुटता लाना है।”
बचपन से खाना बनाने की शौकीन हैं मधुलिका
निशा का जन्म 25 अगस्त, साल 1959 को उत्तर प्रदेश में एक मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था। अपनी स्कूली शिक्षा और कॉलेज की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने टीचिंग में भी अपना करियर बनाया था। मगर शादी के बाद, वह नोएडा चली गईं और वहीं अपने दो बच्चों की परवरिश में लग गईं थीं। निशा बताती हैं कि उन्हें बचपन से खाना बनाना काफी पसंद होता है। वे खाली समय में नई-नई डिशेज का इन्वेन्शन करती रहती थीं, उनके इसी जुनून ने उन्हें यूट्यूब चैनल शुरू करने के लिए प्रेरित किया था।
अवॉर्ड से भी सम्मानित
निशा मधुलिका को साल 2014 में देश के टॉप मोस्ट शेफ्स इन यू्ट्यूब का अवॉर्ड भी दिया जा चुका है। साल 2017 में भी उन्हें कंटेंट क्रिएटर इन कुकिंग का सम्मान प्राप्त हो चुका है।
टाटा ट्रस्ट्स के साथ भी काम किया
निशा ने अपनी जर्नी में टाटा ट्रस्ट्स के साथ भी काम किया है। वे इनके प्रोजेक्ट द्रुव में शामिल हैं, जिसका उद्देश्य देश के ग्रामीण इलाकों में इंटरनेट उपलब्ध कराना है।
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