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Health Tips: 30 से 40 की उम्र में आंखों में हो सकती हैं ये 3 समस्याएं! जानें क्या कहते हैं डॉक्टर

Health Tips: उम्र बढ़ने के साथ-साथ आंखों से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ जाती हैं, जिसके लक्षणों को समय पर पहचानना जरूरी हो जाता है। इन समस्याओं के शुरुआती लक्षण 30 से 40 की उम्र में नजर आने लगते हैं।

Edited By : Shivani Jha | Updated: Jan 20, 2025 12:00
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Health Tips: 30 और 40 की उम्र में कई तरह की समस्या होने लगती है, जिसमें से एक आंखों की भी समस्या भी है। आंखों की समस्याओं से दूर रहने के लिए हेल्दी रुटीन को फॉलो करना जरूरी होता है। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी आंखों में कई तरह के बदलाव आते हैं और कुछ समस्याएं 30 से 40 की उम्र में ही सामने आने लगती हैं। इसके लिए नियमित रूप से आंखों की जांच करवाना जरूरी है। इसके अलावा संभावित समस्याओं के बारे में जागरूक होने से आपको शुरुआती संकेतों को पहचानने और समय पर इलाज कराना मदद मिल सकती है। मैक्स मल्टी स्पेशलिटी सेंटर, नोएडा के आंखों के विशेषज्ञ, कंसल्टेंट सर्जन, डॉ. अनिंद्य एस चक्रवर्ती ने 30 और 40 की उम्र के दौरान होने वाली समस्याओं के बारे में बताया है…

प्रेस्बायोपिया

प्रेसबायोपिया उम्र बढ़ने के साथ शुरू होती है, जो खास कर के 30 से 40 की उम्र के लोगों को प्रभावित करती है। हाइपरमेट्रोपिया की तुलना में प्रेसबायोपिया ज्यादा लोगों में देखने को मिलती है। प्रेसबायोपिया तब होता है जब आंख का क्रिस्टलीय लेंस अपनी लचीलापन खो देता है, जिससे पास की चीजों को देखना मुश्किल हो जाता है। इसके कारण छोटे प्रिंट को पढ़ने में दिक्कत, किताबों या फोन को देर कर देखने या लंबे समय तक पढ़ने या करीब से काम करने के बाद आंखों में तनाव महसूस होने लगता है।

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ग्लूकोमा

ग्लूकोमा आंखों की जाने का एक कारण है, जो ऑप्टिक नर्व को प्रभावित कर सकता है, जो अक्सर बढ़े हुए इंट्रासेल्युलर दबाव के कारण होता है। ग्लूकोमा की समस्या ज्यादातर वयस्कों जैसे की 30 से 40 की उम्र में हो सकती है। खास कर के उन लोगों में ये बीमारी ज्यादा हो सकती है, जिनकी फैमली हिस्ट्री रही हों। साथ ही ये खतरा उन लोगों में भी बढ़ जाता है, जो चश्मा लगाते हो, स्टेरॉयड का इस्तेमाल करते हों, डायबिटीज के मरीज हों, मायोपिया या आंखों में चोट लगी हों। ग्लूकोमा के खतरे से बचने के लिए नियमित रूप आंखों का चेकअप कराना जरूरी हो जाता है।

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मोतियाबिंद

मोतियाबिंद या आंख की नेचुरल लेंस का धुंधलापन जैसी समस्या आमतौर पर उम्र बढ़ने के साथ-साथ होती है। इसके शुरुआती बदलाव 30 से 40 की उम्र में शुरू हो सकते हैं। इसके लक्षणों की बात करें तो इस दौरान धुंधला दिखाई देना, रात में देखने में  परेशानी और रंग की पहचान करने में समस्या हो सकती है। मोतियाबिंद आमतौर पर धीरे-धीरे बढ़ता है और कई लोग शुरुआती लक्षणों को नोटिस नहीं कर पाते हैं जिसके कारण ये बाद में और भी समस्याएं बढ़ा सकता है।

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Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। News24 की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।

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Shivani Jha

First published on: Jan 20, 2025 12:00 PM

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