Health Tips: लगातार या पुरानी खांसी अक्सर एक छोटी सी समस्या की तरह लग सकती है लेकिन यह फेफड़ों की गंभीर बीमारी का एक लक्षण भी हो सकता है। जब खांसी 3 सप्ताह से अधिक समय तक रहती है या समय के साथ बढ़ जाती है, तो यह एक गंभीर फेफड़ों की बीमारी का संकेत हो सकता है, जिस पर ध्यान देने की जरूरत होती है। खांसी और गंभीर फेफड़ों की समस्याओं के बीच संभावित संबंध को समझना और समय पर इसका इलाज करना जरूरी हो जाता है।मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, द्वारका के पल्मोनोलॉजी, रेस्पिरेटरी और स्लीप मेडिसिन के एसोसिएट डायरेक्टर और यूनिट हेड डॉ. शिवांशु राज गोयल बताते हैं कि खांसी फेफड़ों की बीमारी का संकेत कैसे हो सकती हैं?
क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD)
सीओपीडी क्रोनिक ब्रोंकाइटिस फेफड़ों की बीमारियों है और इस दौरान सांस लेना मुश्किल हो जाता है। यह आमतौर पर सिगरेट के धुएं, वायु प्रदूषण या धूल के लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होता है। सीओपीडी के प्रमुख लक्षणों में से एक पुरानी खांसी है जो बलगम हो सकती है। जैसे-जैसे बीमारी बढ़ती है सांस लेने में तकलीफ, घरघराहट और थकान फील हो सकता है।
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फेफड़ों का कैंसर
पुरानी खांसी कभी-कभी फेफड़ों के कैंसर का संकेत हो सकती है, खासकर जब यह बनी रहती है या इसकी प्रकृति में बदलाव होता है। फेफड़ों के कैंसर के कारण सूखी खांसी या खून वाली खांसी (हीमोप्टाइसिस) हो सकती है। खांसी के साथ अन्य लक्षण जैसे कि बिना किसी कारण के वजन कम होना, सीने में दर्द, घरघराहट और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है।
निमोनिया
निमोनिया एक गंभीर फेफड़ों का इंफेक्शन है, जो लगातार खांसी का कारण बन सकता है, जिसके साथ अक्सर बुखार, ठंड लगना, सीने में दर्द और सांस लेने में परेशानी होती है।बैक्टीरिया या वायरल इंफेक्शन निमोनिया का कारण बन सकते हैं और अगर इलाज न किया जाए, तो इंफेक्शन फैल सकता है और इससे जान का खतरा भी रहता है। निमोनिया के कारण होने वाली खांसी आमतौर बलगम या कफ वाली हो सकती है।
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