Digestion Problems Soluation: खाना खाने के बाद आप भी भारीपन महसूस करते हैं, तो इसका कारण डाइजेशन से संबंधी समस्याएं हो सकती है। जब कभी अच्छी तरह से भोजन नहीं पच पाता है, तो हमें पेट फूलना, कब्ज और मतली के साथ-साथ कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। हमारे खुशहाल जीवन के लिए एक हेल्दी पाचन (डाइजेशन) का होना बहुत ही जरूरी है, बिजी लाइफ के कारण लोग इसपर ज्यादा ध्यान नहीं दे पाते। आज हम पाचन (डाइजेशन) से जुड़ी समस्याओं से बचने के लिए कुछ नेचुरल टिप्स के बारे में बात करेंगे.. तो आइए जानते है डाइजेशन से जुड़े कुछ बेहतरीन टिप्स, जिसका सेवन करने से डाइजेशन से संबंधी सभी समस्याएं हो जाएगी दूर..
- दही: दही एक अच्छा ऑप्शन है, जिसकी मदद से पेट संबंधी कई समस्याएं को दूर किया जा सकता है। घर का बना दही एक नेचुरल प्रोबायोटिक है जो आंत की बैक्टीरिया से लड़ता है और रोजाना दही या छाछ खाने से डाइजेशन सही रहता है।
- लहसुन: लहसुन की मदद से पेट की समस्याओं से दूर रहा जा सकता है। लहसुन एक प्रीबायोटिक के रूप में काम करता है, इसके सेवन से एंटीवायरल गुण के कारण अनेक बीमारियों से दूर रहा जा सकता है।
- सेब: सेब एक बेहतरीन पेक्टिन से भरा फल है, इसके घुलनशील फाइबर की मदद से दस्त में राहत मिलता है। सेब का सेवन करने से आंतों की परेशानियों से दूर रहा जा सकता है।
- सौंफ: सौंफ एक मसाला है, जिसमें मौजूद एंटीस्पास्मोडिक एजेंट आंत की चिकनी मांसपेशियों को आराम देता है, इसका सेवन पेट का फूलना और डाइजेशन समस्याओं से राहत देता है।
- अदरक: जहां अदरक सबसे अच्छी सब्जियों और मसालों में से एक है, वहीं इसके सेवन के कई फायदे भी है। अदरक की मदद से उल्टी, मोशन सिकनेस , मॉर्निंग सिकनेस, पेट फूलना और कई समस्याओं से राहत मिलता है। लेकिन इसका अधिक सेवन कभी-कभी खतरनाक भी साबित हो जाता है, इसलिए इसका उपयोग एक उचित मात्रा में ही करना चाहिए।
- चिया बीज: चिया बीज की मदद से आंत में जिलेटिन जैसा पदार्थ बनाता है, जो अच्छे बैक्टीरिया के विकास को बढ़ाते है और डाइजेशन में सुधार करते है। चिया बीज फाइबर से भरपूर होता है और यह प्रीबायोटिक की तरह काम करता है।
- साबुत अनाज: साबुत अनाज से मतलब साबुत गेहूं की ब्रेड, स्टील कट ओट्स, क्विनोआ और ब्राउन चावल है, जो फाइबर से भरपूर होते हैं। इसमें मौजूद फाइबर कब्ज के खतरे को कम कर देता है।