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बच्चे को कब तक मां का दूध पिलाना चाहिए? डॉक्टर ने बताया किस उम्र तक बच्चे को स्तनपान जरूर कराएं

Breastmilk Age Limit: बच्चे की उम्र बढ़ने लगती है तो उसे मां के दूध से ऊपरी दूध पर लाया जाता है. लेकिन, अक्सर मां यह नहीं समझ पाती कि उसे किस उम्र तक बच्चे को दूध पिलाना चाहिए. ऐसे में यहां जानिए बच्चे को किस उम्र तक मां का दूध जरूर पिलाना चाहिए.

Author Written By: Seema Thakur Updated: Dec 9, 2025 13:36
Breastfeeding
किस उम्र तक बच्चे को स्तनपान कराना चाहिए? Image Credits- Pexels

Breastfeeding Baby: बच्चे के लिए मां का दूध बेहद फायदेमंद होता है. लेकिन, मां का दूध (Breastmilk) अगर बच्चे को पर्याप्त ना पिलाया जाए या जरूरत से पहले बंद कर दिया जाए तो बच्चे की सेहत को इससे नुकसान भी हो सकता है. ऐसे में बच्चे को कितने समय तक दूध पिलाना जरूरी है यह बता रहे हैं बच्चों के डॉक्टर यानी पीडियाट्रिशियन डॉ. रवि मलिक. डॉक्टर ने बताया है कि बच्चे के लिए स्तनपान करना कितना जरूरी है और बच्चे को किस उम्र तक मां का दूध पिलाना चाहिए.

बच्चे को कब तक मां का दूध पिलाना

डॉ. रवि मलिक ने बताया कि बच्चे को 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध ही दिया जाता है. 6 महीने के बच्चे को दूध के अलावा कुछ और नहीं दिया जाता है. इतने छोटे बच्चे को पानी भी नहीं पिलाया जाता है.

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2 साल तक बच्चे को मां का दूध पिलाना ही चाहिए. डॉक्टर का कहना है कि कम से कम 2 साल तक के बच्चे को मां का ही दूध देना चाहिए. लेकिन, अगर 2 साल के बाद भी मां और बच्चा कंफर्टेबल हैं और मिल्क प्रोडक्शन ठीक से हो रहा है तो स्तनपान (Breastfeed) करवाते रहना चाहिए.

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स्तनपान कराने के क्या फायदे हैं

ब्रेस्टफीडिंग यानी स्तनपान से ना सिर्फ बच्चे को पोषण मिलता है बल्कि बच्चे की इम्यूनिटी को भी स्ट्रोंग बनाता है. यह मां और बच्चे के बीच में इमोशनल बोंडिंग को भी स्ट्रोंग करता है. डॉक्टर की सलाह है कि कामकाजी मां को भी अपने ब्रेस्टमिल्क निकालकर बोतल में भरकर बच्चे के लिए रखकर नौकरी पर जाना चाहिए.

बच्चे को स्तनपान ना करवाने के क्या नुकसान होते हैं

  • मां के दूध से बच्चे को जरूरी एंटीबोडीज मिलते हैं जो उन्हें संक्रमण से बचाते हैं. मां का दूध अगर बच्चे को ना पिलाया जाए तो बच्चों को इंफेक्शंस का खतरा ज्यादा होता है. इन इंफेक्शंस में डायरिया से लेकर इंफ्लुएंजा और न्यूमोनिया भी शामिल हैं.
  • बच्चे की इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है. यह मां के दूध से एंटीबोडीज और हेल्दी गट बैक्टीरिया ना मिलने के कारण होता है.
  • बच्चों को क्रोनिक बीमारियां होने का खतरा बढ़ता है.
  • बच्चे का वृद्धि और विकास धीमा हो सकता है.

मां को भी हो सकती हैं दिक्कतें

अगर बच्चे को जन्म देने के बाद मां उसे दूध नहीं पिलाते ही तो इससे महिलाओं में प्रीमेनोपोजल ब्रेस्ट कैंसर और ओवेरियन कैंसर का खतरा बढ़ता है. टाइप-2 डाइबिटीज, ब्लड प्रेशर और दिल से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं. मां को प्रेग्नेंसी वेट यानी प्रेग्नेंसी के दौरान बढ़ा हुआ वजन कम करने में दिक्कत होने लगती है. पोस्टपार्टम डिप्रेशन हो सकता है.

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अस्वीकरण – इस खबर को सामान्य जानकारी के तौर पर लिखा गया है. अधिक जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें या चिकित्सक से परामर्श करें. न्यूज24 किसी तरह का दावा नहीं करता है.

First published on: Dec 09, 2025 01:30 PM

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