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बढ़ती उमस से डिहाइड्रेशन का बढ़ सकता है खतरा! शरीर में फ्लूड्स की कमी होने से कैसे रोकें

Avoid Dehydration During Monsoon Season: मानसून में डिहाइड्रेशन यानी की शरीर में पानी की कमी होने पर बहुत सारी समस्याएं हो जाती हैं। इसलिए पानी का लेवल बनाए रखें। इसके अलावा किन-किन बातों का ध्यान रखें। आइए जान लेते हैं..

Edited By : Deepti Sharma | Updated: Jul 7, 2024 13:32
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Image Credit: Freepik

Avoid Dehydration During Monsoon Season: बीते कुछ दिनों से ज्यादातर लोग उमस के चलते परेशान हैं। आखिर ऐसा क्यों है कि हम भयंकर गर्मी सहन कर जाते हैं, पर थोड़ी सी भी उमस हमें चिड़चिड़ा बना देती है, थकान बढ़ा देती है। एक्सपर्ट कहते हैं यह सिर्फ एहसास नहीं है, ह्यूमिडिटी या उमस भरा मौसम शरीर के लिए मुश्किल होता है।

ज्यादा नमी शरीर को प्रभावी रूप से ठंडा होने से भी रोक सकती है, इससे चिपचिपाहट महसूस होती है, वहीं गर्मी ज्यादा असहनीय हो जाती है। एक्सपर्ट कहते हैं कि सीओपीडी जैसी समस्या से जूझ रहे लोग ज्यादा परेशान हो सकते हैं। इस समस्या से कैसे निपट सकते हैं, आइए जान लेते हैं..

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भयावह क्यों लगती है

शरीर ज्यादा गर्म होता है, तो यह त्वचा की सतह पर पानी और नमक का मिश्रण भेजता है। यह पसीने के रूप में बाहर आता है। इसके वाष्पीकरण (Evaporation) से ठंडक महसूस होती है। इस स्थिति में हवा पहले से ही नमी से भरी रहती है, यह पसीने को वाष्पित होने से रोकती है। इस प्रोसेस के रोकने से शरीर ठंडा नहीं हो पाता व ज्यादा पसीना बहाता है। इससे थकावट और कमजोरी हो सकती है। आप जितना ज्यादा पसीना बहाते हैं, उतना ही डिहाइड्रेट होते हैं। यह बेचैनी बढ़ा देता है।

वर्कआउट का समय बदलें

इस मौसम में तेज एक्टिविटी करने से शरीर ज्यादा गर्म हो सकता है। साइकिलिंग, वॉक या वर्कआउट का टाइम बदल दें। सुबह या शाम को मौसम ठंडा होने पर वर्कआउट करें।

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खुद को अनुकूलित करें

गर्मियों में बाहर जाकर हल्की-फुल्की एक्टिविटी करें, जैसे- 10-15 मिनट के लिए वॉक करें, हल्का-हल्का वर्कआउट करें। अगले दिन फिर से रिपीट करें। साधारण व्यक्ति को हीट टॉलरेंस बढ़ाने के लिए 9 से लेकर 14 बार इस माहौल के संपर्क में रहना पड़ता है।

वेंटिलेशन सही रखें

घर में एसी यूज करें। एसी न भी हो तो घर में मौजूद पंखे के सामने ठंडा पानी रखें, इससे ठंडी हवा आती है। पसीना सूखता है। इसके अलावा बच्चे, बड़े-बुजुर्ग, डायबिटीज और दिल के मरीजों का ध्यान रखें। चक्कर आएं, भ्रम महसूस हो या शब्दों के उच्चारण में गड़बड़ी लगे, तो डॉक्टर से सलाह करें।

पानी ज्यादा से ज्यादा लें

प्यास लगने से पहले पानी पीते रहें। इससे डिहाइड्रेशन रोकने में मदद मिलती है। जूस और ज्यादा पानी वाली चीजें लेते रहें, इससे फ्लूड का लेवल सही रहता है।

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Written By

Deepti Sharma

First published on: Jul 07, 2024 12:00 PM

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