YouTube and Telegram action against child sexual abuse material: आईटी डिपार्टमेंट की ओर से बाल यौन शोषण सामग्री को रोकने संबंधी आदेशों का असर दिखने लगा है। मंत्रालय के नोटिस का जवाब यूट्यूब और टेलीग्राम ने दिया है। दोनों की ओर से बताया गया है कि ऐसी सामग्री का प्रसार कर नीतियों का उल्लंघन करने वाले 94 हजार से अधिक चैनल हटा दिए गए हैं। वहीं, 25 लाख से अधिक वीडियो भी हटाए गए हैं। एक विशेष टीम बनाकर ऐसी हरकत करने वालों पर नजर रखी जा रही है।
जवाब-कंटेंट पर जीरो टॉलरेंस के तहत काम
नोटिस के जवाब में कहा गया है कि ऐसी सामग्री रोकने के लिए वे जीरो टॉलरेंस नीति पर काम कर रहे हैं। जो लोग नाबालिगों को खतरे में डालने वाली सामग्री पब्लिश कर रहे हैं। उनकी सामग्री को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। ऑनलाइन नाबालिगों का शोषण करने वाली सामग्री को रोकने के लिए उनकी टेक्नीकल टीमें लगी हुई हैं। ऐसे मैटर को रोकने के लिए तकनीक पर काफी निवेश किया गया है। अगर कोई मैटर मिलता है, तो उसे तुरंत हटाया जा रहा है। हम लोग नाबालिग और उनके परिवारों के साथ खड़े हैं।
उनकी सुरक्षा के लिए विशेषज्ञों से बातचीत जारी रहेगी। दोनों की ओर से बताया गया है कि गूगल के स्वामित्व के हिसाब से वे लोग ऐसी सामग्री से पहले भी निपटते रहे हैं। आगे भी जारी रखेंगे। यूट्यूब के प्रवक्ता की ओर से कहा गया है कि वे लाइव सुविधाओं को भी बैन करते हैं। नाबालिगों के लिए बने वीडियो को वृगीकृत करके सीमित किया जाता है। टेलीग्राम की ओर से कहा गया है कि 6 अक्टूबर को ही 2114 समूहों, चैनलों पर उसने बैन लगाया है। उसके पास कंटेंट को रोकने के लिए विशेष टीम है। जो खामी मिलने पर एक्शन लेती है।