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‘हां, Yasin Malik ने ही मारे थे 4 वायुसेना अधिकारी’; गवाह की जुबानी 34 साल पुराने हत्याकांड की कहानी

Yasin Malik 1990 Killing Case: यासीन मलिक ने 4 एयरफोर्स अधिकारियों की गोलियां मारकर हत्या कर दी थी। क्या हुआ था आज से 34 साल पहले, इसकी कहानी गवाह उमेश्वर सिंह ने कोर्ट में सुनाई।

Edited By : Khushbu Goyal | Updated: Jan 19, 2024 13:32
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Jammu Kashmir Liberation Front Chief Yasin Malik
प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) सरगना यासीन मलिक इन दिनों तिहाड़ जेल में कैद है।

Yasin Malik 1990 IAF Officers Killing case: वायुसेना के अधिकारी ड्यूटी पर जाने के लिए गाड़ी का इंतजार कर रहे थे कि यासीन मलिक ने अपनी राइफल उठाई और दनादन गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। वायुसेना के 4 अधिकारी मौके पर मारे गए और 40 लोग गंभीर रूप से घायल हुए थे। यह बयान 18 जनवरी दिन गुरुवार को भारतीय वायुसेना (IAF) के रिटायर्ड अधिकारी राजवार उमेश्‍वर सिंह ने CBI की विशेष अदालत में यासीन मलिक को पहचानते हुए दिया।

 

2019 से तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक

वारदात 25 जनवरी 1990 को जम्मू कश्मीर के श्रीनगर में अंजाम दी गई थी। केस की अगली सुनवाई अब 15-16 फरवरी को दी। प्रतिबंधित संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का सरगना यासीन 2019 से तिहाड़ जेल में बंद है। गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए वह TADA कोर्ट में पेश हुआ। उसके खिलाफ एक केस 1989 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबैया सईद की किडनैपिंग का भी है। जानें 34 साल पहले क्या हुआ था?

 

स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना हमले में मारे गए थे

उमेश्वर सिंह ने बताया कि 25 जनवरी 1990 को वह और उसके साथी श्रीनगर के रावलपोरा में ड्यूटी पर जाने के लिए गाड़ी के इंतजार में खड़े थे। उन्हें श्रीनगर एयरपोर्ट पर जाना था। सभी सड़क किनारे खड़े कि अचानक यासीन मालिक आया और ललकारते हुए उसने फरेन राइफल निकालकर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। फायरिंग में इंडियन एयरफोर्स के स्क्वाड्रन लीडर रवि खन्ना सहित 4 अधिकारी मारे गए। यासीन को फायरिंग करते देखकर ऐसा लगा रहा था कि उसके सिर खून सवार है।

 

यासीन के अलावा 6 और लोग हमले के आरोपी

दूसरी ओर, CBI की वकील मोनिका कोहली ने यासीन मलिक से उमेश्वर से सवाल जवाब करने के लिए कहा तो उसने इनकार कर दिया। मामले में यासीन मलिक और 6 अन्य लोगों के खिलाफ आरोप तय करके 31 अगस्त 1990 को चार्जशीट फाइल कर दी गई थी। अन्य आरोपियों के नाम अली मोहम्मद मीर, मंजूर अहमद सोफी उर्फ मुस्तफा, जावेद अहमद मीर उर्फ ‘नलका’, शौकत अहमद बख्शी, जावेद अहमद जरगर और नानाजी हैं।

मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी को किया था किडनैप

यासीन ने 8 दिसंबर 1989 को रुबिया को किडनैप किया था, जिसे छुड़वाने के लिए उस वक्त की सरकार को 5 आतंकियों को छोड़ना पड़ा था, जिन्हें 13 दिसंबर 1989 को रिहा किया गया था। इस केस में आरोपी यासीन को रुबिया ने भी पहचान लिया था। जुलाई 2023 में तिहाड़ जेल में बंद यासीन मलिक की सुरक्षा में चूक होने की बात सामने आई थी। मामले में एक्शन लेते हुए जेल प्रशासन ने एक उपाधीक्षक और 2 सहायक अधीक्षकों समेत 4 अधिकारियों को निलंबित कर दिया था।

First published on: Jan 19, 2024 01:32 PM

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