World Hepatitis Day: आजकल खराब लाइफ स्टाइल की वजह से हर कोई बीमार है। लोग पौष्टिक आहार के बजाय जंक फूड खाना ज्यादा पसंद करते हैं। इसके चलते लोगों के लिवर पर फैट जम जामा है। धीरे-धीरे इंसान मधुमेह यानी डायबिटीज और हृदय रोग से पीड़ित हो जाता है। अक्सर लोग लिवर खराब होने की मुख्य वजह शराब का सेवन मानते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है। कई बार शराब न पीने वाले भी फैटी लिवर का शिकार हो जाते हैं। ऐसे में जंक फूड का सेवन फैटी लिवर का प्रमुख कारण है।
10 फीसदी फैट तो चिंताजनक
विश्व हेपेटाइटिस दिवस के अवसर पर संसद में एक कार्यक्रम के दौरान प्रमुख गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिस्ट डॉ. एसके सरीन ने कहा कि सही खान-पान और शराब से परहेज करते हुए से फैटी लीवर से बचा जा सकता है। सांसदों को सुनने के बाद दिल्ली के इंस्टीट्यूट ऑफ लिवर एंड बिलीरी साइंसेज (ILBS) के निदेशक सरीन ने सांसदों को फैटी लिवर के लक्षणों को नजरअंदाज न करने के लिए जागरुक किया।
डॉक्टर सरीन ने कहा कि एक स्वस्थ लीवर में थोड़ी मात्रा में वसा होती है जो अंग के वजन का 5% तक होती है। समस्या तब उत्पन्न होती है जब वसा लीवर के वजन का 10% या उससे अधिक तक पहुंच जाती है। सरीन ने कहा कि भारत में हर तीन में से एक वयस्क अतिरिक्त लिवर फैट से पीड़ित है, जिसे फैटी लिवर रोग भी कहा जाता है, जो वर्तमान में कई गैर-संचारी रोगों का मूल है।
इन लक्षणों को न करें नजरंदाज
- पेट में सूजन।
- पैरों में दर्द, थकान महसूस करना।
- कमजोरी महसूस होना।
- वजन तेजी से घटना।
- कब्ज की समस्या रहना।
मोटापा भी फैटी लिवर की बड़ी वजह
आईएलबीएस के निदेशक ने कहा कि अगर अतिरिक्त वसा की समस्या का समय पर पता चल जाए और इलाज किया जाए, तो कई जटिलताओं को रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि 10% वजन घटाने से फैटी लीवर और कुछ फाइब्रोसिस (लिवर ऊतक का मोटा होना या घाव) को भी कम करने में मदद मिल सकती है। फैटी लीवर की उभरती महामारी के प्रबंधन में प्रमुख बाधा नागरिकों के बीच जागरूकता की कमी है।
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