भारत और पाकिस्तान एक बार फिर जंग के मुहाने पर खड़े थे, लेकिन आखिरी वक्त पर हुआ कुछ ऐसा जिसने हालात बदल दिए। दोनों देशों के बीच सीमा पर जबरदस्त तनाव था, गोलियां चल रही थीं, हमले हो रहे थे और लोग डर के साए में जी रहे थे। लेकिन तभी अमेरिका की ओर से आई एक बड़ी खबर ने सबको राहत दी। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि भारत और पाकिस्तान अब तत्काल और पूर्ण युद्धविराम पर सहमत हो गए हैं। यह सब अमेरिका की मध्यस्थता और 48 घंटे की कूटनीतिक बातचीत से संभव हो पाया। जब दो देश युद्ध या झड़प को रोकने पर सहमत हो जाते हैं उसे सीजफायर कहते हैं। आइए जानते हैं क्या होता है सीजफायर और इसकी शर्तें?
ट्रंप ने की सीजफायर की घोषणा
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब एक बड़ी राहत की खबर आई है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक अहम घोषणा करते हुए बताया कि दोनों देश पूर्ण और तत्काल युद्धविराम (Ceasefire) पर सहमत हो गए हैं। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका की मध्यस्थता में एक लंबी बातचीत के बाद यह समझौता हुआ है। बीते कुछ दिनों में भारत और पाकिस्तान के बीच सीमाओं पर गोलीबारी और हमले हो रहे थे, जिससे युद्ध की आशंका बन गई थी। हालांकि अब दोनों देशों ने बातचीत के रास्ते को अपनाने का फैसला लिया है।
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) May 10, 2025
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अमेरिका की पहल से हुई दोनों देशों के नेताओं से बातचीत
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियों ने बताया कि इस सीजफायर के पीछे बीते 48 घंटे में गहन कूटनीतिक बातचीत हुई। अमेरिका के उपराष्ट्रपति वेंस और विदेश मंत्री रुबियों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री एस. जयशंकर, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और सेना प्रमुखों से बातचीत की। वहीं पाकिस्तान की ओर से प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, सेना प्रमुख असीम मुनीर और सुरक्षा सलाहकार असीम मलिक से भी चर्चा हुई। इन सबके बाद दोनों देशों ने न सिर्फ लड़ाई रोकने पर सहमति दी, बल्कि किसी शांत जगह पर बैठकर आपस में बात करने के लिए भी तैयार हो गए हैं।
सीजफायर क्या होता है और क्यों होता है जरूरी?
अब सवाल उठता है कि सीजफायर होता क्या है? सीजफायर यानी युद्धविराम का मतलब होता है जब दो या अधिक विरोधी पक्ष युद्ध या झड़प को रोकने पर सहमत हो जाते हैं। यह समझौता अस्थायी या स्थायी हो सकता है। इसे कभी-कभी औपचारिक संधि के रूप में घोषित किया जाता है और कई बार यह केवल आपसी समझदारी या मध्यस्थता (जैसे इस मामले में अमेरिका) से होता है। इसका उद्देश्य हिंसा को रोकना होता है ताकि मानवीय सहायता पहुंचाई जा सके या शांतिपूर्ण समाधान की दिशा में बातचीत हो सके।
Over the past 48 hours, @VP Vance and I have engaged with senior Indian and Pakistani officials, including Prime Ministers Narendra Modi and Shehbaz Sharif, External Affairs Minister Subrahmanyam Jaishankar, Chief of Army Staff Asim Munir, and National Security Advisors Ajit…
— Secretary Marco Rubio (@SecRubio) May 10, 2025
सीजफायर को टिकाऊ बनाने के लिए क्या होती हैं शर्तें?
विशेषज्ञों के अनुसार, सीजफायर तभी टिकाऊ बन पाता है जब दोनों पक्षों को युद्ध से बड़ा नुकसान हो रहा हो और जब उनके पास भरोसेमंद समझौते करने की स्थिति हो। इसके लिए निगरानी, सेना की वापसी और तीसरे पक्ष की गारंटी जैसी व्यवस्थाएं जरूरी होती हैं। कई बार कुछ देश सीजफायर का इस्तेमाल अपनी सेना को फिर से संगठित करने या रणनीतिक बढ़त लेने के लिए भी करते हैं, जिससे समझौता जल्दी टूट सकता है। फिलहाल भारत और पाकिस्तान की यह सहमति पूरी दुनिया के लिए राहत की बात है और उम्मीद है कि यह सीजफायर आगे चलकर स्थायी शांति में बदलेगा।